ranchi: मुख्य सचिव डीके तिवारी ने प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक पर नए भवनों के निर्माण पर सशर्त रोक लगा दी है. उन्होंने पत्र के माध्यम से विभागीय सचिवों का ध्यान पुनगर्ठन के बाद राज्य के 4223 विद्यालयों के रिक्त पड़े विद्यालय भवनों की ओर आकृष्ट कराया है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर किसी भी परियोजना के लिए किसी भी विभाग को भवन की जरूरत हो तो वह संबंधित क्षेत्रों के खाली विद्यालय भवनों का उपयोग प्राथमिकता के आधार पर करे. अगर संबंधित भवन में स्थान पर्याप्त न हो तो उसी भवन का अपेक्षित विस्तार किया जाए. इससे जहां एक ओर न्यूनतम लागत पर भवन तैयार हो जाएगा, वहीं परियोजना का क्रियान्वयन भी जल्द शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा है कि नए भवनों का निर्माण उसी परिस्थिति में संभव हो सकेगा, जब जिलों के उपायुक्त से इस आशय का प्रमाणपत्र जारी करेंगे कि कि संबंधित प्रखंड अथवा जिलों में कोई भी स्कूल भवन खाली नहीं है. उन्होंने सचिवों को अपने अधीनस्थ कार्यालयों को इस संबंध में दिशानिर्देश भेजने को कहा है.

मुख्य सचिव ने कहा है कि नीति आयोग की साथ ई (सस्टेनेबल एक्शन फॉर ट्रांसफॉरमिंग ह्यूमन कैपिटल इन एजुकेशन) परियोजना के अंतर्गत 4223 विद्यालयों का पुनर्गठन किया गया है. यह पुनर्गठन विद्यालयों के उपलब्ध संसाधनों में अभिवृद्धि तथा शिक्षक-छात्र अनुपात में सुधार के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुरूप किया गया है. इसके तहत संबंधित विद्यालयों को निकट के विद्यालयों में मर्ज करने के बाद कई विद्यालय भवन खाली पड़े हैं.

इससे इतर विभिन्न विभागों द्वारा विविध कार्यक्रमों और परियोजनाओं के तहत भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जो उचित प्रतीत नहीं होता है. बहरहाल महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आदि विभागों को उपलब्ध कराई गई है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha