नए आइडियाज से आईआईटीयन बदलेंगे कल
-कंवोकेशन सेरेमनी में स्टूडेंट्स ने डीजे आई नेक्स्ट से स्मार्ट सिटी और फाइव जी के फायदे को लेकर आइडियाज किए शेयर
श्चड्डह्लठ्ठड्ड@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठक्कन्ञ्जहृन्: ज्ञान हासिल करने से बड़ा पवित्र कार्य कोई भी नहीं है। आज का दिन छात्रों के जीवन में बेहद खास है। बिहार की धरती ज्ञान की धरती रही है। बुद्ध काल के समय से ही यह यह धरती ज्ञान के लिए बहुत ही समृद्ध रही है। ये बातें आईआईटी पटना के कंवोकेशन सेरेमनी के चीफ गेस्ट मानस बिहारी वर्मा ने कही। छात्रों को डिग्री प्रदान करने के बाद अपने सारगर्भित संबोधन में कहा कि आज एकेडमिक- इंडस्ट्रीयल कोलेबरेशन की बड़ी जरूरत है। इसके साथ ही क्वालिटी एजुकेशन को सभी तक सुनिश्चित करना भी है। इससे पहले आईआईटी पटना के डायरेक्टर प्रो। पुष्पक भट्टाचार्य, चीफ गेस्ट मानस बिहारी वर्मा और गेस्ट ऑफ ऑनर मनिंदर अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। डायरेक्टर ने वार्षिक रिपोर्ट पेश किया। सभी स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गई।
हर आइडिया जीवन के लिए कंवोकेशन सेरेमनी के बाद दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने आईआईटी के टॉपर्स, मेडलिस्ट से उनके आइडियाज जानने का प्रयास किया। सभी ने स्मार्ट सिटी, फाइव जी सहित अन्य आइडियाज शेयर किए। फाइव जी का फंडा बता रहीं विशाखाआईआईटी पटना की कम्यूनिकेशन सिस्टम इंजीनियरिंग की छात्रा विशाखा सिंह ने मॉडर्न कम्यूनिकेशन सिस्टम को रीडिफाइन करने करने में जुट गई है। इन्हें कम्यूनिकेशन सिस्टम इन फाइव जी के थीसिस पर इंस्टीट्यूट प्रोफिसिएंसी अवार्ड मिला है। विशाखा ने बताया कि आज जिस प्रकार फोर जी सभी की मॉडर्न लाइफ का जरूरी हिस्सा है। वैसे ही आने वाले समय में यह स्थान फाइव जी लेगा। इसके कई अप्लीकेशन होंगे। इसमें स्मार्ट सिटी, हाई डिफनेशन गेम, फाइव डी विज्यूलाइजेशन, इंटरनेट सुपर स्पीड और कस्टमाइज कम्यूनिकेशन के साधन को विकसित करने में मदद मिलेगी। यह आम लोगों के जीवन में एक नए स्तर पर लेकर जाएगा। यह पूरी तरह से टेक्नोलॉजी वर्ल्ड होगा।
भूकंप से नुकसान होगा कमआईआईटी पटना के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के मेधावी छात्र कुमार निशांत उज्जवल ने 'जियो सिंथेटिक रीइनफोर्सिग फॉर स्वायल' सब्जेक्ट पर काम कर रहे हैं। निशांत इस प्रकार से मिट्टी की कड़ी संरचना विकसित करेंगे। ताकि भूकंप वाले इलाके विशेषकर जहां मिट्टी कोमल है, वहां भूकंप से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। क्योंकि मिट्टी जब कड़ी होगी तो वहां भूकंप से होने वाला नुकसान कम होगा। उन्होंने बताया कि वे नई तकनीक से यह सुनिश्चित करेंगे कि भूकंप के विध्वंसकारी छह रिक्टर स्केल या इससे अधिक रेंज के भूकंप की स्थिति में मिट्टी की जांच करेंगे।
तेज चलेगा कंप्यूटर का दिमाग रोहित कुमार, आईआईटी पटना में एमएससी फिजिक्स डिपार्टमेंट के टॉपर हैं। इन्हें इसके लिए गोल्ड मेडल मिला है। मूलरूप से समस्तीपुर, बिहार के रहने वाले रोहित के पिता सच्चिदानंद राय एक सामान्य किसान हैं। उन्होंने शुरू से सपना देखा था कि बेटा आईआईटी में पढ़ाई करे। रोहित ने बताया कि वे वर्तमान में क्वांटम कम्प्यूटिंग पर काम कर रहे हैं। इसमें कम्प्यूटर के क्वांटम कम्प्यूटिंग के पहलूओं पर नई खोज करने में लगे हैं। आम तौर पर कम्प्यूटर बाइनरी डिजिट का प्रयोग किया जाता है। जबकि क्वांटम फिजिक्स की वजह से यह काफी एडवांस हो जाएगा। इससे कम्प्यूटर कई चीजों को बेहद कम समय में साल्व कर देगा। अब मैनुअल सर्वे को बाय-बायआम तौर पर किसी भी सर्वे में लोगों के बीच जाकर डेटा कलेक्ट करना पड़ता है। लेकिन यह बिना लोगों के बीच कराकर समय, पैसे की बचत के साथ बेहतर रिजल्ट दे, तो इसके क्या कहने। ऐसा ही एक अप्रोच डेवलप कर लिया है। आईआईटी पटना के मैथ डिपार्टमेट के गोल्ड मेडलिस्ट मानसी माहेश्वरी ने। मूलत: कानपुर की रहने वाली मानषी ने बताया कि वे मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रही हैं। उनका मानना है कि तकनीक जीवन आसान बनाने के लिए है.उन्होंने इसके लिए ऐसा ही एक मॉडल तैयार किया है। इसकी मदद से एक कॉमन डेटा से कई प्रकार के नए डाटा विकसित कर डेवलपमेंट वर्क किया जा सकता है।