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PATNA : यदि आपसे कहा जाए कि आलू की सब्जी खाने से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों से निजात मिल सकती है तो सुनकर चौंकिएगा नहीं। यह हकीकत है। केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र पटना ने 12 साल के रिसर्च के बाद आलू की एक नई प्रजाति को खोजा है। नई प्रजाति के आलू में कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता मौजूद है। ये आलू कोल्ड स्टोरेज से निकलने के बाद भी लाल रहेगा। सामान्यत: कोल्ड स्टोरेज से निकलने के बाद आलू का रंग बदल जाता है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की स्पेशल स्टोरी में पढि़ए पीएस जीरो 6 88 आलू से होने वाले फायदे

विकसित करने में लग गए 12 साल

केंद्रीय आलू अनुसंधान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक शंभू कुमार के बताया कि आलू अनुसंधान केंद्र आलू के लाल कंदों वाली किस्मों के विकास को लेकर प्रयत्‍‌नशील है। पीएस जीरो लाल कंद की इस आलू की खोज में लगभग 12 साल का वक्त लगा।

कैरोटिन की मात्रा 33.0 म्यू

पीएस जीरो के प्रति 100 ग्राम आलू में जिंक, आयरन, कॉपर, मैगनीज और एंथोसाइनिक पिग्मेंट के साथ कैरोटिन की मात्रा 33.0 माइक्रो (म्यू) मौजूद है। साथ ही आलू में एंटी ऑक्सिडेंट गुण भरपूर मात्रा में पाया गया है जो कैंसर से लड़ने में सहायक है।

दोमट मिट्टी में होगी खेती

लालकंद वाले इस आलू की खेती भारत के पूर्वी क्षेत्र बिहार, उड़ीसा , पश्चिम बंगाल, आसाम, छत्तीसगढ़, झारखंड और पूर्वी यूपी में दोमट बलुआही मिट्टी पर खेती की जाएगी। आलू में झुलसा रोग से बचने के लिए प्रतिरोधिता क्षमता अधिक है। पटना सहित बिहार के अधिकांश जिले इसके पैदावार के लिए उपयुक्त है।

जल्द ही मिलेगी नई पहचान

आलू अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों की माने तो आलू की इस नई प्रजाति का नामकरण तकनीकी कारण से नहीं हुआ है जल्द ही इस आलू को नया नाम दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive