- रेनबो में शुरू हुआ भारत का बायोकम्युनिकेशन टेक्नीक का पहला सेंटर

- तनाव और जीवनशैली से प्रेगनेंसी में पैदा हो रही हैं दिक्कतें

AGRA। आपको पता है बढ़ता तनाव और बदलती जीवनशैली आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रही है। इस जीवनशैली का प्रभाव प्रेगनेंसी पर भी पड़ रहा है। डॉक्टरों की मानें तो इस समय क्भ् प्रतिशत कपल्स को गर्भधारण में प्राब्लम फेस करनी पड़ रही है। इसमें से समस्या का एक तिहाई कारण पुरूष होते हैं तो फ्0 प्रतिशत महिला कारण होती हैं। बांझपन के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस समस्या को दूर करने के लिए रेनबो हॉस्पिटल में स्टार्ट हुई एक तकनीक से गर्भधारण में दिक्कत आने वाले कपल्स को काफी फायदा होगा।

रेनबो में शुरू हुई यह सुविधा

रेनबो में इंफर्टिलिटी सेंटर, रेनबो आईवीएफ लॉंच किया गया। सिटी में खुला यह सेंटर भारत का पहला समग्र प्रजनन उपचार मॉडल होगा। इसमें मनोवैज्ञानिक, बायोस्कैन तकनीक जायटो के उपयोग से स्वास्थ्य स्ट्रेसर्स मापना, पोषण उपचार, एक्सरसाइज कराना, एक्यूपंचर से इलाज करना, योग एवं सुगंध से भी इसमें इलाज किया जाएगा।

पूरी जानकारी के बाद इलाज सफल

डॉ। जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि सफल गर्भधारण के लिए चौतरफा दृष्टिकोण अपनाना सर्वश्रेष्ठ तरीका है। उन्होंने बताया कि फ्भ् साल पहले जब आईवीएफ तकनीक आई थी, जब कई तरह से विकास हुए थे। इस चिकित्सा पद्धति में आधुनिक तकनीक के साथ ही वैकल्पिक दवाओं की भी मदद ली जाएगी। इस तरह से पोल्यूशन से हो रहे नुक सान, मानसिक एवं शारीरिक तनाव और कमजोर पौष्टिक स्थिति को कम किया जा सके।

कैसे काम करेगी यह तकनीक

इस तकनीक में बायोकम्युनिकेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जोकि स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देने वाले संवेदी स्ट्रेसर्स का पता लगाती है। जिससे तमाम दिक्कतों की जानकारी हो जाती है जिससे उसे इलाज में सहायता मिलती है।

पूरा डाटा हो जाता है तैयार

जापान से आए प्रो। योशिहारू मोरिमाटो ने बताया कि जायटो कंपास बॉडी कम्यूनिकेशन तकनीक है। उसका पूरा डाटा तैयार हो जाता है। प्रेग्नेंसी में होने वाली दिक्कतों की जानकारी मिलने से इलाज में सहायता मिलती है।

Posted By: Inextlive