-कानपुर से दिल्ली फ्लाइट की शुरुआत के बाद कानपुराइट्स को नए साल पर मिलेगी एक और सौगात

-चकेरी में नए टर्मिनल की राह आसान, जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया लगभग पूरी, जल्द शुरू होगा काम

-टर्मिनल बनने के बाद कई और शहरों के लिए कानपुर से शुरू होगी उड़ान, बढ़ेंगी यात्री सुविधाएं

KANPUR: कानपुर से दिल्ली के लिए हवाई सेवा शुरू होने से वर्ष 2016 ने जाते-जाते कानपुराइट्स को बड़ी सौगात दे दी। अब नए साल पर एक और बड़ा तोहफा मिलेगा। जी हां, 2017 में चकेरी में नया टर्मिनल बन जाएगा। नए टर्मिनल बनने की राह के रोड़े लगभग खत्म हो गए हैं। कानपुर आए नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने भी इशारा कर दिया कि अगले साल कानपुराइट्स को नए टर्मिनल का तोहफा मिलने जाएगा। जिसके बाद यहां से कई शहरों के लिए उड़ान शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में भी इजाफा होगा।

जमीन अधिग्रहण लगभग पूरा

नए टर्मिनल बनाने के लिए प्रशासन की ओर से प्रयास तो कई सालों से किया जा रहा है लेकिन अब ये हकीकत बनने जा रहा है। केंद्र सरकार के इस मामले में हस्तक्षेप के बाद अधिकारियों ने स्पीड पकड़ी और आनन-फानन में करीब 90 प्रतिशत किसानों से जमीन अधिग्रहण कर ली है। रजिस्ट्री का काम भी बहुत तीव्र गति से हो रहा है। एसडीएम सदर अनिल कुमार ने बताया कि 286 किसानों से जमीन की रजिस्ट्री होनी है। बहुत कम जमीनों का अधिग्रहण बचा है जिसको की कुछ दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद जमीन डीजीसीए के सुपुर्द कर दी जाएगी।

एक साल में काम पूरा

कानपुर-दिल्ली उड़ान के शुभारंभ के मौके पर शहर आए केन्द्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने भी चकेरी में नए टर्मिनल का निर्माण जनवरी में शुरू होने और साल के अंत तक पूरा होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि कानपुर बिजनेस हब है। ऐसे में यहां से देश के हर बड़े शहर के लिए फ्लाइट मिलनी चाहिए। ऐसा केंद्र सरकार के एजेंडे में है। उन्होंने कहा कि पूरी कोशिश रहेगी कि नए टर्मिनल का काम 2017 में पूरा कर लिया जाए।

20.01 हेक्टेअर कुल जमीन

17.018 किसानों की

3 हेक्टेअर ग्राम समाज की

286 किसानों की जमीन

90 फीसदी अधिग्रहण पूरा

9 हेक्टेअर डीजीसीए को सौंपी

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बॉक्स

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किसानों ने अटकाया था रोड़ा

एयरपोर्ट के विस्तार के कार्य में पहले कई बार बाधा पड़ चुकी है। भूमि अधिग्रहण के नए कानून के मुताबिक शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट का दोगुना किसानों को दिया जाना है। यानी सर्किल रेट के दोगुने का मतलब चार करोड़ रुपए प्रति हेक्टेयर मुआवजा बनता है। शासन ने पहले जो मुआवजा दर तय की थी उसके हिसाब से 3.85 करोड़ रुपए प्रति हेक्टेयर बनता है, जिसको लेने से किसानों मना कर दिया था। किसानों के मना कर देने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने फिर बातचीत शुरू की। किसानों की मांग के बारे में जब प्रशासन ने शासन को जानकारी दी, तो शासन ने नए कानून के मुताबिक सर्किल रेट से दोगुने रेट पर भुगतान करना स्वीकार कर लिया। जिसके बाद कुछ महीने में काम रफ्तार से हुआ।

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राज्यपाल के नाम रजिस्ट्री

अधिगृहित की गई भूमि की रजिस्ट्री राज्यपाल/ नागरिक उड्डयन विभाग के नाम कराई जा रही है। नागरिक उड्डयन विभाग की ओर से कम्प्यूटर प्रोग्रामर अभिजित सान्याल को क्रेता के रूप में साइनिंग अथॉरिटी दी गई है। जुलाई महीने में रजिस्ट्री का काम शुरू हुआ था। जोकि लगभग पूरा हो चुका है। एसडीएम सदर अनिल कुमार ने बताया कि अभी तक 200 किसानों से उनकी भूमि की रजिस्ट्री कराई जा चुकी है। शेष एक सप्ताह के अंदर करा ली जाएंगी।

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कनेक्टविटी हाईवे से

चकेरी एयरपोर्ट की जो मौजूदा लोकेशन है। वहां जाने के लिए कानपुर-इलाहाबाद की रामादेवी से शुरू हुई सर्विस लेन पर जाना पड़ता है। अब नए टर्मिनल के लिए नया रास्ता निकालने की तैयारी शुरू की जा चुकी है। एयरपोर्ट के डायरेक्टर वसीम अहमद अंसारी ने बताया कि नए टर्मिनल के रास्ते को हाईवे से जोड़ा जाएगा ताकि आसपास के जिलों से आने वाले लोग हाईवे से सीधे नए टर्मिनल पहुंच जाएं।

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रजिस्ट्री के लिए अब किसी प्रकार का कोई डिस्प्यूट नहीं है। काम बहुत तेजी से चल रहा है। शेष रजिस्ट्रयां कराकर बहुत जल्द भूमि का कब्जा डीजीसीए को दे दिया जाएगा। उम्मीद है कानपुराइट्स को बहुत जल्द नए टर्मिनल का तोहफा मिल जाएगा।

अनिल कुमार, एसडीएम सदर

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केंद्र सरकार का पूरा प्रयास रहेगा कि बहुत जल्द कानपुराइट्स को नए टर्मिनल तो तोहफा मिल जाए। इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। डीजीसीए को नए टर्मिनल के लिए जमीन पर कब्जा मिलना शुरू हो गया है।

जयंत सिन्हा, स्टेट मिनिस्टर, सिविल एविएशन, भारत सरकार

Posted By: Inextlive