मांगे मनवाने के लिए नए यमुना ब्रिज के पिलर पर चढ़ना हुआ आम बात

एनएचआई भी लापरवाह, फजीहत झेल रही पुलिस

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PRAYAGRAJ: यमुना नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज पहले अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर हुआ। इसके बाद इसे सुसाइडल प्वाइंट के नाम से जाना जाने लगा। अब इसे पिलर पर चढ़कर मांगे मानने के लिए सिस्टम को मजबूर करने के हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रशासन-पुलिस के साथ एनडीआरएफ तक को इसका साल्यूशन खोजने में लगना पड़ रहा है। अकेले इस साल ऐसे पांच मामले सामने आ चुके हैं। नवीनतम मामले में यह हथकंडा आजमाने वाला युवक 36 घंटे से पिलर पर चढ़ा हुआ है। उसे मनाकर नीचे उतारना सिस्टम के लिए चैलेंज है। समाचार लिखे जाने के समय तक वह पिलर पर था। सिस्टम की चिंता यह है कि दो दिन से बिना खाये-पिये पिलर पर मौजूद युवक के साथ कोई घटना हो गयी तो क्या होगा।

'मेंटल' भी आजमा चुका हाथ

धूमनगंज निवासी नेता प्रजापति बीते माह घूमते हुए नए यमुना पुल पहुंचा था। उसने पुल पर घंटे भर तमाशा किया। फिर सीढ़ी के रास्ते पिलर के ऊपरी हिस्से तक पहुंच गया। सूचना पाकर एसडीएम करछना पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। इस दौरान पुल पर मौजूद सुमित व शिवम मिश्रा नामक युवक दिलेरी दिखाते हुए पिलर पर चढ़े और फिर किसी तरह दोनों ने उसे नीचे उतारा। यह ड्रामा करीब तीन घंटे तक चला। मौके पर पहुंचे परिजनों ने अफसरों बताया कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है। इसके बाद उसे साथ लेकर परिजन घर चले गए।

गौशाला के लिए चढ़ गया पिलर पर

माण्डा क्षेत्र के भारतगंज का रहने वाला रजनीकांत इस फंडे को आजमा चुका है। घर और गांव तक के लोग मनाने के लिए आए लेकिन वह किसी की सुनने को तैयार नहीं था। रजनीकांत की मांग की थी कि गांव की खाली पड़ी बंजर जमीन पर गौशाला खुलवाया जाए। 24 घंटे की मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की टीम ने उसे सही सलामत नीचे उतरवाने में कामयाबी हासिल की। नीचे उतरने के बाद उसका मेडिकल कराया गया फिर घरवालों को सौंपा गया।

सरकारी योजनाओं के लिए हथकंडा

कौंधियारा क्षेत्र के कर्मा बाजार का रहने वाला लक्ष्मी शंकर यादव भी इस पैंतरे को आजमा चुका है। उसका कहना था कि सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने पर उसने यह कदम उठाया। वह दिन रात अधिकारियों की चौखट का चक्कर लगाता रहा लेकिन किसी ने नहीं सुना। पिलर पर चढ़ने के बाद अफसर पहुंचे और मांगे मानने का भरोसा देकर उसे नीचे उतरवाने में कामयाबी हासिल की।

प्रवेश पत्र नहीं मिला तो चढ़ गया

बलिया का रहने वाला पंकज भी पुल पर चढ़कर मांगे मनवाने की टैक्टिस आजमा चुका है। वह नैनी एरिया के अरैल में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता था साथ में बीटीसी में दाखिला ले रखा था। उसका आरोप था कि कॉलेज में बीटीसी प्रथम वर्ष की परीक्षा में बैठने के लिए उससे बीस हजार रुपए की मांग की गई थी। पैसा नहीं दिया तो प्रवेश पत्र रोक दिया गया। काफी मशक्कत के बाद उसे पिलर से उतारा गया।

जेल भेजने पर चढ़ गया पिलर पर

नवीनतम मामला माण्डा के भारतगंज गांव के रहने वाले रजनीकांत का है। उसने दूसरी बार इस हथियार का इस्तेमाल किया है। पुल के पिलर पर वह 36 घंटे बिता चुका है। बुधवार की भोर में वह पुल के पिलर पर चढ़ा था। उसे मनाने का प्रयास किया जा रहा है। पिछली बार उसने अपनी मांगों के साथ एक शर्त यह भी जोड़ी थी कि पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगी। इस पर आश्वासन भी दिया गया लेकिन नैनी पुलिस ने उसेजेल भेज दिया। इस बार पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ वह पिलर पर चढ़ गया है।

सुरक्षा गार्ड नहीं देते ध्यान

नए यमुना पुल पर वैसे तो सुरक्षा गार्डो की तैनाती की गई है। लेकिन, लगातार सामने आ रही घटनाएं उनकी मुस्तैदी और भूमिका पर सवाल खड़े करती है। बता दें कि पुल पर शिफ्ट वाइज सुरक्षा गार्ड तैनात किये जाते हैं। इनकी जिम्मेदारी होती है कि पुल पर होने वाली एक्टिविटी को वॉच करें। उसने रोकने का प्रयास करें।

हम स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। पूरी कोशिश है कि उसे मनाकर नीचे उतार लिया जाय। 36 घंटे से अधिक हो चुके हैं तो खतरा भी बढ़ गया है।

-राजकुमार

इंस्पेक्टर कीडगंज

Posted By: Inextlive