GORAKHPUR : मनोरंजन के साधनों को तरसते गोरखपुराइट्स के लिए आने वाला साल बेहद सुखद होगा. एक मल्टीपलेक्स और सिनेप्लेक्स वाले शहर में जहां दो नये मल्टीप्लेक्स बनकर तैयार हो जाएंगे. वहीं जीएमसी के कैंपस में कंप्यूटराइज्ड लाइटिंग का आनंद लिया जा सकेगा. सबसे बड़ी बात यह है कि अफसरों की बातचीत में बिग जू चिडिय़ाघर बनाने का रास्ता साफ हो गया. उम्मीद है कि अगले साल सिटी के चिडिय़ाघर में शेर दहाड़ते नजर आएंगे.


बिग जू में गुर्राएगा टाइगर, सुनाई पड़ेगी कलरव


गोरखपुराइट्स के इंटरटेनमेंट के लिए सिटी में रेल म्यूजियम के अलावा व्ही पार्क है, जहां पर लोगों की भीड़ लगी रहती है। कुसम्ही जंगल में स्थित सिटी के मिनी जू विनोद वन में अच्छी सुविधाएं न होने से लोग वहां नहीं जाना चाहते हैं। ऐसे में बिग जू का कंस्ट्रक्शन अनूठा होगा। बिग जू बनाने का रास्ता साफ हो चुका है। डीएफओ अमरेंद्र बहादुर ने बताया कि इस महीने अफसरों की मीटिंग में इसका फैसला लिया जा चुका है। कंस्ट्रक्शन पूरा होने पर यहां टाइगर, गैंडा, तेंदुआ, सांप के साथ मछलियों और मगरमच्छ यहां पर रखे जाएंगे। वन विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि करीब 88 करोड़ के प्रोजेक्ट का मास्टर प्लान पूरी तरह से तैयार किया जा चुका है। अशफाक उल्लाह खां प्राणि उद्यान बनाने के लिए सेंट्रल जू अथारिटी की टीम यहां का इंस्पेक्शन भी कर चुकी है। सिनेमा देखने को मिलेंगे नये थियेटर

सिटी में एक मल्टी प्लेक्स और एक सिने प्लेक्स के बाद दो नये मल्टी प्लेक्स का तोहफा मिलने की उम्मीदें परवान चढ़ रही हैं। बंद हो चुके श्री टाकीज, मेनका, इंद्रलोक और वीनस की जगह नये सिनेमा घर ले लेंगे। सिटी के बिल्डर्स ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। जीडीए में प्लान भेजा जा चुका है। प्रशासन, जीएमसी और जीडीए अफसरों का कहना है कि मेनका और इंद्रलोक सिनेमा की जगह बिल्डर एक होटल, फूड कोर्ट और तीन सिनेमा हॉल बनाए जाएंगे। तीन दिसंबर 2013 को मेनका थियेटर बंद हो गया था जबकि 2011 में इंद्रलोक बंद हुआ था। 1991 में बंद हुए वीनस सिनेमा हॉल में होजरी सेल लग गई थी। लेकिन यहां पर तीन थियेटर वाला एक मल्टी प्लेक्स बनाने की बात हो रही है। इसके अलावा 2008 में बंद हुए श्री टाकीज की जगह चार थियेटर वाले मल्टी प्लेक्स बनाने की तैयारी चल रही है। नये कंस्ट्रक्श में गेमिंग जोन, आइसक्रीम पार्लर इत्यादि की सुविधा भी होगी। जीएमसी के इको पार्क में इंटरटेनमेंट करेगा लेजर फाउंटेन

2014 में जीएमसी भी इंटरटेनमेंट की फेसिलिटी अवेलेबल कराएगा। जीएमसी कैंपस में इको पार्क बनाने की मंजूरी कार्यकारिणी की मीटिंग में मिल चुकी है। इस इको पार्क में लेजर फाउंटेन भी बनाया जाएगा। इसमें पानी के झरने में रोशनी के इफेक्ट से रंग बिरंगी इमेज दिखाई देगी। साउंड इफेक्ट के साथ- साथ फौव्वारे का कलर चेंज होगा। जीएमसी से जुड़े अफसरों का कहना है कि कंप्यूटर से चलने वाले इस फौव्वारे का ले आउट बना लिया गया है। मार्च में काम शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। साकार होगा फिल्म सिटी का सपना पूर्वांचल में भोजपुरी सिनेमा के बढ़ते स्कोप को लेकर यहां से जुड़े आर्टिस्ट, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर काफी उत्साहित है। लोगों की चाहत है कि फिल्म सिटी बनाने का सपना साकार हो। उम्मीद की जा रही है कि गीडा में फिल्म सिटी बनाने को लेकर चल रही कवायद को गवर्नमेंट पूरी करेगी। एक्टर मनोज तिवारी, फिल्म प्रोड्यूसर डॉ। विजाहत करीम, डायरेक्टर रतन सिन्हा, प्रोड्यूसर मनोज कश्यप, रंगकर्मी केसी सेन सहित कई लोगों की चाहत है कि फिल्म सिटी का सपना पूरा हो। पूर्वांचल का केंद्र गोरखपुर है। यहां पर फिल्म सिटी का कंस्ट्रक्शन मेरा सपना है। कल कारखानों के चालू होने के साथ सिनेमा का विस्तार होने से यहां पर डेवलपमेंट को नया आयाम मिलेगा। फिल्म सिटी बनाने से यहां पर लोगों को जॉब के मौके मिलेंगे। फिल्म सिटी के कंस्ट्रक्शन के लिए मैं पूरा प्रयास करूंगा। मनोज तिवारी, एक्टर2014 में फिल्म सिटी की उम्मीद है। भोजपुरी सिनेमा का विकास होने के साथ ही चिडिय़ाघर बनने से मनोरंजन के नये साधन मुहैया हो सकेंगे। इस लिए इसके विकास पर जोर दिया जाना चाहिए। फिल्म सिटी का निर्माण होने से बालीवुड की तरंगें सुनाई देगी।
डॉ विजाहत करीम, फिल्म प्रोड्यूसरइंटरटेनमेंट के लिए कई चीजों की जरूरत है। सिनेमा हॉल बंद हो रहे हैं। ऐसे में भोजपुरी सिनेमा को दिखाने वाले थियेटर भी चाहिए। मल्टी प्लेक्स में भोजपुरी फिल्मों के प्रदर्शन से सिनेमा के विकास में मदद मिलेगी। मनोज कश्यप, प्रोड्यूसर

Posted By: Inextlive