GORAKHPUR : कहते है बीतता हुआ साल कुछ सौगात देकर जाता है तो आने वाला साल नई उम्मीद लेकर आता है. जिसके सहारे पूरी जिंदगी यूं ही हंसी-खुशी कट जाती है. 2013 भी ऐसी ही कई सौगात गोरखपुराइट्स को दे गया तो 2014 नई किरन के साथ नई उम्मीद लेकर आ रहा है. गोरखपुर भले ही अभी मेट्रो सिटी नहीं बन पाया है मगर मेडिकल के क्षेत्र में पूर्वांचल नहीं बल्कि आधा बिहार का सेंट्रल प्वाइंट बन चुका है. मेडिकल क्षेत्र में कई नई उपलब्धि हासिल करने के बावजूद अभी भी गोरखपुर के कई ख्वाब अधूरे है. जिसके बिना उनकी लाइफ सेफ नहीं है. ऐसी जरूरतें है जिसके बिना पूरा इलाज संभव नहीं है और मजबूरन लोगों को दिल्ली लखनऊ या मुंबई का रास्ता देखना पड़ेगा. हालांकि गोरखपुराइट्स को उम्मीद है ये अधूरे ख्वाब भी 2014 में पूरे हो जाएंगे. फिर चाहे सिटी में एम्स का ख्वाब हो या फिर गोरखनाथ हॉस्पिटल को मेडिकल कॉलेज बनते देखने का सपना. 2013 में सरकार के साथ खुद गोरखपुराइट्स ने भी कई जरूरतों को पूरा कर दिया है.


2013 दे गया कई सौगात-सिटी को मिला पहला नेफ्रोलॉजिस्ट, नहीं जाना पड़ता इलाज को दिल्ली-अब डायलिसिस होती है अपने शहर में-बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अधिकांश टेस्ट हो रहे इनडोर-स्टार्ट हुए टीबी कल्चर टेस्ट बचा रहा कई जिंदगी-एनआईसीयू बना बच्चों के लिए वरदान-बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बना ट्रामा सेंटर ने जगाई नई उम्मीदबस इतना सा ख्वाब है-पूर्वांचल नहीं बिहार के करोड़ों लोगों को है एम्स की जरूरत -हार्ट सर्जरी न होने से देखना पड़ता है दिल्ली, लखनऊ का रास्ता-वॉल्व चेंज न होने से चली जाती है जान-बाइपास सर्जरी न होने से रूक गई हजारों दिल की धड़कन-अधूरा ट्रामा सेंटर नहीं बचा पा रहा जिंदगी-पीडियाट्रिक सर्जन होते तो नहीं जाना पड़ता दूसरे शहर-किडनी ट्रांसप्लांट हो जाए तो क्या कहना-गोरखनाथ हॉस्पिटल का मेडिकल कॉलेज बनना अटका पाइप लाइन में-कब लगेगी मेडिकल कॉलेज में कोबाल्ट मशीन


-सीएम के आश्वासन के बावजूद नहीं आई मेडिकल कॉलेज में एमआरआई मशीन-हेपेटाइटिस-बी के पॉजिटिव आने पर नहीं पता चलता वायरल काउंट

मेडिकल कॉलेज दिन बीतने के साथ हाइटेक हो रहा है। अब अधिकांश बीमारी का इलाज हॉस्पिटल में होता है। जल्द ट्रामा सेंटर भी पूरी तरह वर्क करने लगेगा। अन्य जो जरूरत है वो भी पूरी हो जाएंगी। जिससे इलाज के अभाव में किसी मरीज को लखनऊ या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। डॉ। केपी कुशवाहा, प्रिंसिपल बीआरडी मेडिकल कॉलेजShriyansh Kashyapसभी के लिए एक बराबर और नार्मल रेट पर मेडिकल फैसिलिटी प्रोवाइड कराई जाए।Sunny RaoBetter quality health equipment and ambulance service for serious patients।Sangita Suryavanshiसमय पर डॉक्टर्स मिलें और हॉस्पिटल्स में साफ-सफाई की प्रॉपर व्यवस्था हो।Abdullah Khanएम्स से कम कुछ भी नहीं, पूर्वांचल को इसकी बहुत जरूरत है।

Posted By: Inextlive