कंगारू मदर केयर से बचेगा प्री-मैच्योर बेबी
वर्ल्ड प्रीमेच्योर डे स्पेशल
फैक्ट फाइल 34 है देश का शिशु मृत्यु दर सूचकांक 43 है यूपी का शिशु मृत्यु दर सूचकांक 72 है प्रयागराज का शिशु मृत्यु दर -शिशु मृत्यु दर के मामले में कई जिलों से आगे है इलाहाबाद -समय से पहले पहले जन्मे बच्चों के जीवन पर होता है अधिक संकट -आंकड़ों के मुताबिक एक हजार बच्चों में 72 नवजात की हो जाती है मौत prayagraj@inext.co.in PRAYAGRAJ: अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। अगर बच्चा निर्धारित समय से पहले जन्म ले रहा है तो उसे कंगारू मदर केयर के जरिए बचाया जा सकता है। प्रदेश सरकार ने बढ़ती शिशु मृत्यु दर पर लगाम लगाने के लिए इसे बढ़ाने का निर्देश दिया है। बता दें कि मरने वाले शिशुओं में सर्वाधिक संख्या प्री-मैच्योर बेबी की होती है। देशभर में शिशु मृत्यु दर के मामले में यूपी भी तीसरे स्थान पर है।डफरिन में बनाई गई है यूनिट
चौंकने की जरूरत नहीं है। जो माता बच्चे को जन्म देती है वही उसे कंगारू देखभाल देगी। ऐसा करने के लिए नवजात को एक विशेष प्रकार के कक्ष में मां के साथ रखा जाता है। ऐसे में प्रीमैच्योर बेबी और माता का शारीरिक तापमान बराबर होने पर उसकी जान बचाई जा सकती है। इसे कंगारू मदर केयर कहते हैं। यह यूनिट डफरिन हॉस्पिटल में खोली गई है। इसे जच्चा-बच्चा के बीच विशेष तकनीक के साथ संपन्न कराया जाता है। इस विधि में समय से पहले जन्मे और कम वजन बच्चों के जीवन को बचाया जा सकता है।
चिंता की बात यह संख्या वाकई चौंकाने वाली है। यानि की एक हजार नवजात में इतने बच्चों की मृत्यु हो जाती है। 14 से 21 नवंबर तक चलाए जा रहे विशेष अभियान में सरकार कंगारू मदर केयर के साथ ब्रेस्ट फीडिंग पर भी जोर दे रही है। इस सूचकांक में प्रयागराज यूपी के कई जिलों से आगे हैं। इन बातों का रखें ध्यान -प्रसव अस्पताल में ही कराएं और प्रसव के बाद 48 घंटे तक उचित देखभाल के लिए अस्पताल में रुकें। -नवजात को तुरंत नहलाएं नहीं, शरीर पोंछकर नर्म साफ कपड़े पहनाएं। -जन्म के एक घंटे के भीतर मां का गाढ़ा पीला दूध पिलाना शुरू करें और छह माह तक केवल स्तनपान ही कराएं। -जन्म के तुरंत बाद नवजात का वजन लें और जरूरी इंजेक्शन लगवाएं। -नियमित और सम्पूर्ण टीकाकरण कराएं। -नवजात की नाभि सूखी और साफ रखें और संक्रमण से बचाएं। -मां और शिशु की व्यक्तिगत स्वच्छता पर भी ध्यान दें।- कम वजन और समय से पहले जन्मे शिशुओं पर खास ध्यान दें।
-शिशु का तापमान स्थिर रखने के लिए कंगारू मदर केयर (केएमसी) विधि अपनाएं। -शिशु जितनी बार चाहे दिन अथवा रात में बार-बार स्तनपान कराएं। -नवजात को काजल न लगाएं और कान व नाक में तेल न डालें। तेल की मालिश कर सकते हैं। - छह माह शहद, घुट्टी, पानी आदि न पिलायें। वर्जन प्री-मैच्योर बेबी का स्वास्थ्य बचाने पर सरकार का पूरा ध्यान है। इसके लिए कंगारू मदर केयर बेहतर विधि है। इसके लिए स्टाफ को प्रशिक्षित किया जा रहा है। वर्तमान में जिले की शिशु मृत्यु दर 72 सूचकांक है। -डॉ। सतेंद्र राय, एसीएमओ व नोडल एनएचएम