कैबिनेट की एक बैठक में सरकार ने एफ़एम रेडियो को छोटे शहरों तक पहुँचाने के लिए तीसरे चरण के लाइसेंस देने के फ़ैसले पर मुहर लगा दी है.

तीसरे चरण में 227 शहरों में 839 नए एफ़एम स्टेशनों के लिए बोली लगाने का प्रस्ताव है। एफ़एम स्टेशन की मौजूदगी अभी 86 शहरों में है। साथ ही कैबिनट की बैठक में सांसद क्षेत्र विकास निधि को दो करोड़ से बढ़ाकर पाँच करोड़ करने को भी हरी झंडी दे दी गई है।

एफ़एमतीसरे चरण में उन शहरों को एफएम स्टेशनों के दायरे में शामिल किया गया है जिनकी जनसंख्या एक लाख से ज़्यादा है। जो लोग एफ़एम स्टेशनों पर समाचार के प्रसारण की मांग करते रहे हैं, उनके लिए थोड़ी खुशी की ख़बर है।

इस चरण के अंतर्गत जो रेडियो स्टेशन ऑल इंडिया रेडियो के समाचार बुलेटिन का प्रसारण करना चाहता हैं, उन्हें ऐसा करने की इजाज़त होगी।

निजी ऑपरेटरों को एक शहर में एक से ज़्यादा एफ़एम स्टेशनों को शुरू करने की इजाज़त होगी, लेकिन स्टेशनों की कुल संख्या शहर में मौजूद एफ़एम स्टेशनों की संख्या के 40 प्रतिशत से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। साथ ही ये भी शर्त कि उस शहर में कम से कम तीन एफ़एम स्टेशन ऑपरेटर हों। निजी एफ़एम स्टेशनों में विदेशी निवेश की सीमा को 20 से बढ़ाकर 26 प्रतिशत कर दिया गया है।

‘विशेष कदम’

जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व में एफ़एम स्टेशनों को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठाने की बात कही गई है। वहाँ एफ़एम स्टेशन शुरू करने वाले निजी ऑपरेटरों को प्रोत्साहन देने के मक़सद से कहा गया है कि उन्हें शुरुआत के बाद तीन साल तक सिर्फ़ आधी वार्षिक लाइसेंस फ़ीस देनी होगी। इसके अलावा इन क्षेत्रों में ऑपरेटरों को प्रसार भारती की आधारभूत सुविधाओं को आधे किराए पर देने का भी प्रस्ताव किया गया है।

सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा, ‘पिछले दो चरणों के दौरान हमारा अनुभव रहा है कि इन इलाकों में अधिकतर लोग बोली लगाने की प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेते हैं.’

सोनी ने कहा कि मंत्रालय की तरफ़ से बोली लगाने के कार्यक्रम को जल्द जारी किया जाएगा और उम्मीद की जा रही है कि तीसरे चरण में सरकार को 1733 करोड़ की आमदनी होगी। दूसरे दौर में सरकार को करीब 1500 करोड़ की आमदनी हुई थी।

एमपी लैड्ससांसद क्षेत्र विकास निधि को दो करोड़ से बढ़ाकर पाँच करोड़ किए जाने पर अंबिका सोनी ने कहा कि जो लोग ग्रामीण इलाकों से चुनकर आए हैं, उनकी अरसे से मांग रही है कि दो करोड़ पूरा नहीं पड़ता और लोग ज़्यादा मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कीमतें बढ़ गई हैं और कामों को पूरा करने में ज़्यादा धन खर्च होता है।

Posted By: Inextlive