क्त्रड्डठ्ठष्द्धद्ब : महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग ने जिस-जिस एनजीओ को सक्षम बताकर संचालन करने की परमिशन दी थी उसे जिला प्रशासन की जांच टीम ने अक्षम करार दिया है। इतना ही नहीं, डीसी महिमापत रे ने संबंधित शेल्टर होम का रजिस्ट्रेशन रद करने की अनुशंसा भी उसी विभाग के डायरेक्टर से की है। लेकिन, सवाल उठता है कि इन एनजीओ के रजिस्ट्रेशन से संबंधित आवेदन महिला विकास एवं बाल कल्याण विभाग में कई माह से लंबित है, उसके रजिस्ट्रेशन को रद करने की अनुशंसा कैसे की जा सकती है। गौरतलब है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी निर्मल से जुड़े निर्मल हृदय से बच्चे बेचे जाने के प्रकरण में ऐसे एनजीओ भी घेरे में आ गए हैं, जिन्हें आएसीपीएस के तहत लाइसेंस तो मिला है पर वह रजिस्टर्ड नहीं है।

एनजीओ को सर्टिफिकेट नहीं

गौरतलब है कि जिन एनजीओ का रजिस्ट्रेशन रद करने की अनुशंसा की है उसके पास सर्टिफिकेट नहीं है। इधर, एनजीओ संचालकों का आरोप है जब जांच करनेवाली कमिटी आई तो उनसे जाति पूछी गई। फिर, मदर ऑफ टेरेसा की तस्वीर देख कर कहा गया कि इसे क्यों लगाएं हैं? यह सब परेशान करने के लिए किया जा रहा था। ऐसे में न्याय पाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

इन एनजीओ के रजिस्ट्रेशन पर उठ रहे सवाल

निर्मल शिशु सदन

लोक विकास बिंदू

महर्षि वाल्मीकि अनाथ सेवाश्रम

आंचल शिशु आश्रम

दीया सेवा संस्थान

ईडीआईएसएस

Posted By: Inextlive