राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण एनजीटी ने यमुना में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए एक नया कदम उठाया है. इसके लिए एनजीटी ने सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण विभाग को यमुना नदी में विशेष घाट बनाने का आदेश दिया है. जिससे कि लोग मूर्तियों व अन्य पूजा सामग्री को उन घाटों पर आराम से विसर्जित कर सके.

वैज्ञानिक तरीके से निपटाया जाएगा
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्मि स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाल ही में लोगों को ‘यमुना में पूजा सामग्री या खाद्यान्न, तेल आदि विसर्जित करने पर बैन लगा दिया था. इसके बाद अब एनजीटी ने सीधे अलग घाट बनाने का निर्देश दिया है. एनजीटी के मुताबिक संबंधित प्रशासन, विशेषकर सिंचाई विभाग और संबंधित निगमों या प्रशासन को यमुना तटों पर विशेष घाटों का निर्माण करने का निर्देश दिया है. इसके बाद वहां विसर्जित पूजन सामग्री को प्रशासन द्वारा एकत्र कर वैज्ञानिक तरीके से तुरंत निपटाया जाएगा. एनजीटी के मुताबिक इस कदम से लोगों की आस्था और यमुना की स्वच्छता दोनों ही बरकरार रहेगी.

तकनीकी कदम उठाए जा सकते
इस दौरान पीठ ने यह भी कहा कि अब यह हर जगह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी नदी की मुख्य धारा में पूजन सामग्री को प्रवाहित न होने दिया जाए. इसके अलावा उसकी साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए. नदियों पूजन सामग्री जाने से रोकने के लिए तकनीकी कदम उठाए जा सकते हैं. जिनमें स्क्रीनिंग और अवरोधक लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा एनजीटी ने पूरी यमुना पट्टी में तटों के किनारे पड़े कचरे को चार माह के भीतर उठाने का आदेश संबंधित प्रशासन को दिया है. गौरतलब है कि एनजीटी ने यमुना जिये अभियान से जुड़े मनोज कुमार मिश्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया. मनोज कुमार मिश्रा यमुना की साफ सफाई के लिए अभियान चला रहे हैं. इसके लिए उन्होंने कुछ समय पहले यमुना नदी में कचरा डालने पर प्रतिबंध लगाने और नदी की सफाई सुनिश्चित करवाने की अपील भी की थी.

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Posted By: Satyendra Kumar Singh