PATNA: एम्स से दीघा के बीच नहर के किनारे बन रही सड़क की रफ्तार धीमी हो गयी है। ऐसा एनजीटी के आदेश के बाद हुआ है। कारण है कि अब अगर छोटे से छोटे प्लॉट से मिट्टी काटनी है तो इसके लिए एनजीटी की अनुमति लेनी होगी। मालूम हो कि बिहार राज्य पथ विकास निगम (बीएसआरडीसी) की देखरेख में नहर किनारे सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। यह दीघा-एम्स एलिवेटेड कॉरीडोर के नीचे की सड़क है। साथ ही दीघा-सोनपुर सड़क पुल का यह एप्रोच रोड भी है।

-क्या है परेशानी

अधिकारियों की मानें तो एम्स से दीघा की ओर आने वाली दो किमी सड़क का निर्माण हो चुका है। जिसे चौड़ीकरण कर नए सिरे से बनाया गया है। लेकिन बेली रोड स्थित नहर के आगे से दीघा तक जाने वाली सड़क को लेकर परेशानी है। क्योंकि इस पूरे स्ट्रेच में मिट्टी भराई के बाद ही सड़क का निर्माण कार्य होना है। इस बीच एनजीटी ने आदेश जारी किया है कि अगर एक कट्ठे जमीन से भी इस सड़क के लिए मिट्टी काटी जाती है तो अनुमति लेनी होगी। लिहाजा इस प्रक्रिया में निर्माण एजेंसी को काफी समय लग रहा है। इसके लिए एनजीटी पर्यावरण क्लियरेंस भी मांग रहा है। यही नहीं मिट्टी के लिए बौरो एरिया एग्रीमेंट की शर्त लगायी गयी है। यानी जिस इलाके से मिट्टी काटी जा रही है उससे संबंधित स्थानीय निकाय के स्तर पर भी सहमति जरूरी होगी।

-पहले भी लगाई थी रोक

गौरतलब है कि बिहार राज्य पथ विकास निगम का यह तीसरा प्रोजेक्ट है जिस पर एनजीटी ने ब्रेक लगाया है। इसके पूर्व गंगा ड्राइव वे और गंगा नदी पर कच्ची दरगाह से बिदुपुर के बीच बन रहे छह लेन पुल के निर्माण पर रोक लगायी थी। बाद में इन परियोजनाओं पर बीएसआरडीसी ने शर्तो के संबंध में स्पष्टीकरण दिया था तब जाकर प्रोजेक्ट का काम आरंभ हो सका।

Posted By: Inextlive