आतंकी संगठन आईएसआईएस के नए मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम के आतंकियों के दिल्ली और अमरोहा के ठिकानों पर एनआईए और एटीएस ने रविवार रात छापेमारी करके तमाम अहम सुबूत एकत्र किए।

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LUCKNOW: दिल्ली में सीलमपुर और जाफराबाद में एनआईए ने छापे मारे हैं। एनआईए के प्रवक्ता के मुताबिक इस दौरान किसी अन्य संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार नहीं किया गया है हालांकि उनके ठिकानों से तमाम पंपलेट समेत तमाम आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद की गयी है। खासतौर पर पश्चिमी उप्र के कई युवक एनआईए के राडार पर आ चुके हैं जो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया के जरिए आतंकी संगठनों के संपर्क में थे। सूत्रों की मानें तो पांच युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
सोशल मीडिया पर सख्ती जरूरी
हाल ही में यूपी एटीएस और एनआईए ने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के नए मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम का राजफाश कर 10 संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किए थे। इनका सरगना भी पश्चिम उप्र के अमरोहा से गिरफ्तार हुआ, जबकि उसका साथी हापुड़ से पकड़ा गया। इस नये मॉड़्यूल के राजफाश के बाद पूर्वी यूपी से टेरर फंडिंग का मामला सामने आया था। इससे यह भी साबित हो चुका है कि आतंकियों को यूपी में केवल पनाह ही नहीं, बल्कि खाद-पानी भी मिल रहा है। आईएसआईएस के खुरासान मॉड्यूल की गिरफ्तारी के बाद भी यह सिलसिला खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
ब्रेनवॉश करने का पुराना तरीका
दरअसल आतंकी संगठन लगातार यूपी के युवाओं को अपना निशाना बना रहे है। सोशल मीडिया के जरिए युवाओं का ब्रेनवॉश करने का उनका पुराना तरीका कारगर साबित हो रहा है। इस नये मॉड्यूल को भी आईएसआईएस के आतंकियों ने इसी तरह अपने प्रभाव में लेकर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने को प्रेरित किया है। केंद्र सरकार ने जेहादी साहित्य वाली तमाम वेबसाइट को बंद कराने में सफलता तो पाई है पर यह अभी नाकाफी है। इसी तरह यूपी एटीएस भी फेसबुक के तमाम संदिग्ध खातों को बंद करा चुकी है पर यह कवायद भी अभी आतंकियों का हौसला नहीं तोड़ सकी है।

सुरक्षा एजेंसियां नजर बनाए हुए हैं

आईएसआईएस के इस नये मॉड्यूल की गिरफ्तारी के बाद आतंकी संगठनों की सोशल मीडिया के जरिए युवाओं का ब्रेनवॉश करने की कोशिशों का फिर से खुलासा हुआ है। वे अभी तक फेसबुक, टेलीग्राफ, वाट्सएप के जरिए युवाओं से संपर्क साध रहे हैं। हजारों सोशल मीडिया एकाउंट बंद कराने के बाद भी वह लगातार दूसरे नामों से एकाउंट खोलकर एक्टिव हैं। सुरक्षा एजेंसियां लगातार ऐसे एकाउंट पर नजर बनाए हुए हैं।
- असीम अरुण, आईजी, एटीएस

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Posted By: Shweta Mishra