आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व मंत्री और माफिया डॉन अमरमणि त्रिपाठी क्या वाकई बीमार है? या फिर बीमारी का बहाना है? डॉन की बीमारी के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए आरटीआई लगाई गई है. आरटीआई दिवंगत मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने लगाई है.

निधि ने आरटीआई के तहत गोरखपुर जेल एडमिनिस्ट्रेशन के साथ बीआरडी मेडिकल कॉलेज से अमरमणि त्रिपाठी की रहस्यमय बीमारी के बावत पूरी जानकारी मांगी है। आरटीआई आवेदन के खुलते ही गोरखपुर जेल से लेकर मेडिकल कॉलेज तक हड़कंप मच गया है। आरटीआई में अमरमणि त्रिपाठी की बीमारी के बारे में विस्तार से पूछा गया है। सबसे बड़ा सवाल ये कि अमरमणि को ऐसी कौन सी बीमारी है, जो उन्हें गोरखपुर जेल से लगातार इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता है। वह भी लखनऊ के पीजीआई में काफी समय इलाज कराने के बाद? आखिर उन्हें कौन सी बीमारी हुई है, जिसका इलाज लखनऊ पीजीआई से लेकर गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स इतने महीने से कंप्लीट नहीं कर पा रहे हैं? सवाल मौंजू है। हर शख्स ये जानना चाहता है कि आखिर ऐसी कौन सी रहस्यमय बीमारी अमरमणि त्रिपाठी को है जिसका इलाज गोरखपुर से लखनऊ के डॉक्टर ढूंढ नहीं पा रहे है? निधि की आरटीआई में और भी सवाल है?

कौन डॉक्टर कर रहा है इलाज?
निधि शुक्ला ने दो दिन पहले आरटीआई के तहत बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जेल से अमरमणि संबंधित सूचना मांगी है। जिसमें पूछा गया है कि अमरमणि को आखिर कौन सी बीमारी हुई है? वह किस बीमारी का इलाज कराने अक्सर मेडिकल कॉलेज जाते हैं? मेडिकल कॉलेज में कौन-कौन से डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं? उन्हें कौन सी दवा दी जा रही है? इस तरह की कई जानकारी निधि ने आरटीआई के तहत मांगी है। निधि के इन सवालों ने जेल प्रशासन से लेकर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स के होश फाख्ता कर दिए है।

क्या दें जवाब, जब
मेडिकल कॉलेज सोर्सेज के मुताबिक अमरमणि को कोई गंभीर बीमारी नहीं है। उन्हें सिर्फ अकडऩ की थोड़ी प्रॉब्लम है। जिसका इलाज फिजियोथेरेपिस्ट कर रहे हैं। इसके लिए अमरमणि अक्सर जेल से बाहर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के लिए निकलते है। कागजी रिकार्ड के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में उन्हें एक्सरसाइज और सिकाई कराई जाती है। मतलब साफ है, अमरमणि को कोई गंभीर बीमारी नहीं है। सोर्सेज के मुताबिक यह बीमारी सिर्फ जेल से बाहर निकलने का एक बहाना है। तभी निधि के आरटीआई दाखिल करते ही मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन के होश उड़े हैं। क्योंकि वे जवाब दें तो आखिर क्या दें? अगर बीमारी के बारे में गलत जानकारी दी गई तो उनकी खुद की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी और अगर सही जानकारी दी तो तो फिर उन्हें डॉन का डर सता रहा है। ऐसे में वे करें तो क्या करें? कमोबेश ऐसी ही हालत जेल एडमिनिस्ट्रेशनकी भी है। वो भी आरटीआई के जवाब देने को लेकर परेशान हैं। क्योंकि जेल में दरबार लगाने वाले और भले-चंगे दिखने वाले अमरमणि की रहस्यमय बीमारी के बारे में उन्हें भी कुछ पता नहीं।

Posted By: Inextlive