-आंसरशीट बदलकर पास कराने का लेते थे ठेका

-ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी की भर्ती का मामला

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रुष्टयहृह्रङ्ख (27 ष्ठद्गष्): यूपीएसएसएससी द्वारा आयोजित ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी परीक्षा में आंसरशीट बदलकर पास कराने का ठेका लेने वाले सॉल्वर गैंग के सरगना समेत गैंग के सात सदस्यों को एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने अरेस्ट किया है। गैँग का सरगना कानपुर निवासी जितेंद्र है, जबकि इस गिरोह के दो सदस्य क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं। उधर, बिजनौर में एसटीएफ टीम ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपियों को अरेस्ट किया है।

बस स्टैंड पहुंचते ही दबोचे गए

गौरतलब है कि, आगरा में बीती 22 व 23 दिसंबर को हुई भर्ती परीक्षा में आंसरशीट बदलकर पास कराने का ठेका लेने वाले गैंग की तलाश एसटीएफ की टीमें कर रही थीं। एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह के मुताबिक, इसी बीच इंटेलिजेंस इनपुट मिला कि गैंग का सरगना बड़ौत बस स्टैंड पर आने वाला है। जानकारी मिलते ही मेरठ यूनिट को अलर्ट कर बड़ौत भेजा गया। वहां पहुंची एसटीएफ टीम ने गुरुवार तड़के दिल्ली बस स्टैंड पर घेराबंदी की। इसी दौरान शामली की तरफ से वहां पहुंची कार बस स्टैंड पर रुकी, जिसमें से कानपुर निवासी भूपेंद्र, जितेंद्र, वाजिदपुर निवासी अनुज, बालैनी निवासी अजय, सचिन, ढिकौती निवासी दिनेश, बड़ौत निवासी सहवान उर्फ सावन को दबोच लिया। इनके पास से कुछ अभ्यार्थियों के मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र, ब्लैंक चेक व एक कार बरामद हुई।

अभ्यर्थियों को रुपये वसूलने बुलाया था

पकड़े गए आरोपियों में अनुज पीडब्लूडी दिल्ली में क्लर्क व अजय दिल्ली मेट्रो में सिग्नल क्लर्क के पद पर कार्यरत है। गिरोह का सरगना कानपुर निवासी जितेंद्र है। उसने गुरुवार को बड़ौत के दिल्ली बस स्टैंड पर अभ्यर्थियों से रुपये व उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र लेने के लिए उन्हें बुलाया था। गिरोह के लोग डील होने के बाद अभ्यर्थियों से परीक्षा में कोरी कॉपी रखकर आने के लिए कह देते थे। एसएसपी सिंह ने बताया कि एसटीएफ के सब इंस्पेक्टर अरुण कुमार ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420 में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

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बिजनौर में भी दो अरेस्ट

बिजनौर जिले में एसटीएफ टीम ने रतनगढ़ बस स्टैंड के पास कार सवार मेरठ के गांव भदौड़ा निवासी शैलेंद्र मलिक व शिवालाकलां थाना क्षेत्र के गांव मझौला गुर्जर निवासी वीरेंद्र कुमार अरेस्ट किया। उनके कब्जे से ग्राम विकास अधिकारी व पुलिस भर्ती के एडमिट कार्ड, पांच अनफिट अभ्यर्थियों का सेना हॉस्पिटल द्वारा जारी किया गया ऑरिजनल मेडिकल प्रमाणपत्र, एक लाख 65 हजार रुपये, एक एक्सयूवी एंडेवर कार, एक फॉच्र्यूनर कार, चार मोबाइल और दस्तावेज बरामद हुए हैं। एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि आरोपी आर्मी, पुलिस, सहकारिता समेत तमाम सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के एवज में बेरोजगार युवकों को चूना लगाते थे।

Posted By: Inextlive