- वरिष्ठ कथाकार चित्रा मुद्गल को मिला निराला स्मृति सम्मान

- अब तक मिले सभी सम्मानों से निराला स्मृति सम्मान को बताया श्रेष्ठ

ALLAHABAD: निराला स्मृति सम्मान मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ सम्मान है। इसके बाद किसी भी सम्मान की कोई लालसा नहीं है। ये बाते सैटरडे को निराला साहित्य संस्थान की ओर से दिए जाने वाले निराला स्मृति सम्मान मिलने के बाद वरिष्ठ कथाकार चित्रा मुद्गल ने कही। उन्होंने कहा कि ये सम्मान नहीं है, ये एक जिम्मेदारी है दुनिया को और बेहतर बनाने के लिए सोद्देश्य और सार्थक लिखने की। निराला जी को याद करने का अर्थ है रचना और आचरण में एकता। इसके पहले सेंट जोसफ स्कूल एंड कालेज के ऑडिटोरियम में आयोजित हुए सम्मान समारोह की शुरुआत चीफ गेस्ट वरिष्ठ लेखक दूधनाथ सिंह किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साहित्य व रंगमंच से जुड़े लोग शामिल हुए।

लेखन में दिखता है चरित से अधिक जीवन

सम्मान समारोह के दौरान चीफ गेस्ट वरिष्ठ साहित्यकार दूधनाथ सिंह ने चित्रा मुद्गल को नए विचारों से गौरवान्वित करने वाली लेखिका बताया। उन्होंने चित्रा मुद्गल के उपन्यास ऑंवा को एक प्रतीक बताते हुए इसके कथानक के भीतर व्याप्त स्त्री के करूण ट्रैजिक संगीत को रेखांकित किया। इस मौके पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो। राजेन्द्र कुमार ने कहा कि निराला जी की तरह ही चित्रा मुद्गल की लेखन में चरित्र से अधिक जीवन दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि निराला स्मृति सम्मान निराला जी के लेखन का भी सम्मान है। इस अवसर पर लेखिका अनिता गोपेश ने भी चित्रा के लेखन शैली की जमकर तारीफ की। अन्य लोगों ने भी निराला जी के जीवन पर प्रकाश डाला।

Posted By: Inextlive