- आयुष्मान इंपैनल्ड हॉस्पिटल पर कार्रवाई के बजाए छूट दे रहा विभाग

- अब तक 67 इंपैनल्ड हॉस्पिटल में से 4 को दिखाया गया बाहर का रास्ता

- छह माह में एक भी आयुष्मान कार्ड होल्डर का नहीं किया था इलाज

GORAKHPUR: समाज के हर तबके के लोग बड़े हॉस्पिटल में इलाज करा सकें, इसके लिए आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत हुई। इस सुविधा का लाभ यहां के बाशिंदे भी ले सकें, यह शहर का स्वास्थ्य महकमा नहीं चाहता है। ऐसा इसलिए कि जहां आयुष्मान भारत से इंपैनल्ड हॉस्पिटल में रोजाना लोगों को इलाज होना चाहिए, वहां कुछ ऐसे हॉस्पिटल हैं, जिन्होंने अब तक एक भी केस अटैंड नहीं किए हैं। रोजाना मरीज उनके दर पर पहुंचकर वापस लौट रहे हैं और आलाधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं। जबकि, जिम्मेदार बजाए कार्रवाई करने के उनसे विनती करने में लगा है। हालत यह है कि पहले फेज में जहां चार हॉस्पिटल्स को बाहर का रास्ता दिखाया गया था, वहीं नेक्स्ट फेज के लिए 12 हॉस्पिटल्स को चिह्नित किया गया है। यहां अब तक एक भी केस अटैंड नहीं किए गए हैं। मगर कार्रवाई करने के बजाए जिम्मेदार इन्हें समझाने और मनाने की तैयारी में लगे हुए हैं।

65 हॉस्पिटल इंपैनल्ड

गोरखपुर की बात की जाए तो यहां पर आयुष्मान भारत स्कीम के लिए करीब 65 हॉस्पिटल इंपैनल्ड किए गए हैं। इसमें से पहले ही चार हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य महकमे ने कार्रवाई की, जिन्होंने छह माह का समय बीत जाने के बाद भी एक मरीज नहीं देखा। इन हॉस्पिटल पर कार्रवाई के बाद इसका असर नजर आया और कुछ हॉस्पिटल्स ने मरीजों का इलाज शुरू कर दिया। मगर इसमें से अब भी करीब एक दर्जन हॉस्पिटल ऐसे हैं, जो इंपैनल्ड हैं, लेकिन अब तक उन्होंने एक भी केस नहीं अटैंड किया है।

मीटिंग कर जानेंगे प्रॉब्लम

जिन हॉस्पिटल्स को चिह्नित किया गया है, अब स्वास्थ्य महकमा उनके जिम्मेदारों संग बैठक करेगा और अब तक एक भी केस न होने का कारण जानने की कोशिश करेगा। अगर सैटिस्फैक्ट्री जवाब आता है और हॉस्पिटल्स की प्रॉब्लम जेनविन होती है, तो उन्हें विभाग एक मौका और देगा। इन हॉस्पिटल्स को आयुष्मान भारत योजना के तहत एक केस करना होगा। अगर इसके बाद भी हॉस्पिटल केस अटैंड नहीं करते हैं या इस योजना के तहत किसी मरीज का इलाज नहीं होता है, तो उन्हें इस स्कीम से बाहर कर दिया जाएगा।

स्टैटिस्टिक -

टोटल इंपैनल्ड हॉस्पिटल - 65

अब तक इलाज - 6900

पहले हॉस्पिटल पर कार्रवाई - 4

केस न करने वाले चिह्नित हॉस्पिटल - 12

कुछ ऐसे हॉस्पिटल्स को चिह्नित किया गया है, जो सेंट्रल गवर्नमेंट के नॉ‌र्म्स को पूरा नहीं कर रहे हैं। इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के साथ एक मीटिंग की जाएगी और उनकी प्रॉब्लम जानने की कोशिश होगी। अगर जेनविन रीजन नहीं रहा, तो गवर्नमेंट को लेटर लिखा जाएगा।

- डॉ। एसके तिवारी, सीएमओ

Posted By: Inextlive