अब नहीं हो पाएगा जंगल में मंगल
कैंसिल करना पड़ रहा प्लान
इस बार जंगल में मंगल करने की तैयारी नहीं हो पा रही है। लखनऊ की कई फैमिलीज ने यूपी में मौजूद वन क्षेत्रों के रेस्टहाउसेज की बुकिंग के लिए दी गई आइडी और फोन नम्बर पर सम्पर्क किया। सभी फार्मेल्टीज पूरी कर ली। बुकिंग कराने वालों की मानें तो ईमेल आइडी, दिए गए फोन नम्बर से लेकर वन विभाग के मुख्यालय तक में सम्पर्क किया गया। लेकिन ना तो वहां कोई स्पष्ट जानकारी दे रहा है और ना ही कहीं की बुकिंग कर रहा है। ऐसे में हम लोगों ने अदर प्लेसेज की बुकिंग कराई, वहां भी देर होने के कारण निराश होना पड़ा। सभी जगह बुकिंग हो चुकी है। वन विभाग के चक्कर में कहीं इस बार की समर वेकेशन बर्बाद ना हो जाए.लखनऊवाइट्स में इन जगहों की रहती है डिमांडदुधवा नेशनल पार्क, दुधवा कैम्पस, वनकटी रेस्ट हाउस, सठियाना, सोनारीपुर, सलूकापुल, किशनपुरसेंचुरी- किशनपु ररेस्ट हाउस, कतर्नियाघाट रेंज, निशानगाढ़ा, सुहलेवा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी, नवाबगंज पक्षी बिहार, लाख बहोसी बर्ड सेंचुरी, हस्तिनापुर सेंचुरी, नेशनल चम्बल सेंचुरी इटावा, महावीर स्वामी सेंचरी ललितपुर, रानीपुर सेंक्चुरी चित्रकूट बांदा, चंद्र प्रभा सेंचुरी चंदौली
ये है मेल आईडी और नंबरdirdudhwa@yahoo.com- ये है नम्बर जिस पर करना पड़ता है फैक्स, लेकिन कनफर्मेशन के बारे में कोई जवाब नहीं आता है
फील्ड डायरेक्टर (ऑफिस लखीमपुर)05872252106-फॉरेस्ट की बुकिंग के लिए इस फोन नम्बर पर कॉल करेचीफ वाइल्ड लाइफ वार्डनराणा प्रताप मार्ग0522-2206584- ये नम्बर इतना व्यस्त रहता है कि आप सुबह से मिलाते रहें, लेकिन नम्बर नहीं लगता है। एक महीने में भी रिस्पांस नहीं बिजनेसमैन आदित्य रस्तोगी ने बताया कि समर वेकेशन के बाद हर साल हिल स्टेशन जाता रहा हूं। इस बार बच्चों ने वन क्षेत्रों में जाने का प्लान बनाया था। इसके लिए एक महीने से बुकिंग का प्रयास कर रहा हूं। ईमेल से लेकर फैक्स तक भेजा गया लेकिन रेस्ट हाउस बुक हुआ या नहीं इसका कोई जवाब नहीं आया.चेंज किया वेन्युविवेक गुप्ता का कहना है कि वन विभाग से कई बार संम्पर्क किया गया लेकिन बुकिंग के बारे में कुछ बताते ही नहीं हैं। मुझे डर था कि कहीं एन वक्त पर बुकिंग नहीं मिली तो सारा प्लान बिगड़ जाएगा। ऐसे में मैनें डलहौजी का प्लान कर लिया.क्या कहते हैं अधिकारीवाइल्ड लाइफ चीफ रूपक डे का कहना है कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मुझे तो यही मालूम हैं कि लगातार बुकिंग चल रही है। पब्लिक की इस परेशानी के बारे में मुझे पता नहीं है। इसकी जांच की जाएगी और व्यवस्था सही की जाएगी। टाइगर रिजर्व के पूर्व फील्ड डायरेक्टर दुधवा जीसी मिश्रा कहते हैं कि सरकार इनफारमेशन टेक्नालॉजी को बढ़ावा दे रही है जिससे लोगों को सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकें। वन विभाग में ऐसा कुछ नहीं है। यहां पर बुकिंग कराने के लिए दौड़ भाग करते रहिए। कोई सुनवाई नहीं हो रही। ऐसा सूचना तंत्र होना चाहिए जिससे यह समय पर क्लीयर हो जाए कि बुकिंग मिल रही है या नहीं। दुधवा टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर गणेश भट़ट कहते हैं कि मेरे पास बुकिंग की कोई अथारिटी नहीं है। इस बारे में मैं कुछ नहीं बता सकता हूं। इतना जरूर है कि पिछले तीन चार महीने से मेल का जवाब नहीं दिया जा रहा है.