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स्लग: सिस्टम की पेंच में फंसा 72 हजार रुपए से कम का इनकम सर्टिफिकेट, लोगों की बढ़ी परेशानी

-आवेदन बीपीएल के आय प्रमाणपत्र का, थमा रहे एपीएल का इनकम सर्टिफिकेट

mayank.rajput@inext.co.in

RANCHI (8 April): राजधानी में अब बिलो पॉवर्टी लाइन यानी बीपीएल कैटेगरी के परिवार नहीं के बराबर बचे हैं। जी हां, रांची में जो इनकम सर्टिफिकेट यानी आय प्रमाणपत्र बनाया जा रहा है, उसमें 95 प्रतिशत लोगों का इनकम 96 हजार रुपए बताया जा रहा है,े जेो एपीएल कैटेगरी में आ जा रहे हैं। दरअसल, सिस्टम कुछ इस कदर डेवलप किया गया है, जहां 72 हजार रुपए से कम इनकम का सर्टिफिकेट जो बीपीएल कैटेगरी का बनता है वो लंबी जांच के कारण बनवाना काफी मुश्किल हो गया है। ऐसे में मात्र 5 प्रतिशत बीपीएल का ही इनकम सर्टिफिकेट बन पा रहा है। इस तरह बीपीएल कैटेगरी के लोग राजधानी से लगभग गायब ही हो गए हैं। नतीजन, लोगों को आरटीई के तहत बच्चों का स्कूल में एडमिशन कराने से लेकर स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना समेत विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।

कई लेवल पर जांच

एक अधिकारी ने बताया की बीपीएल कैटेगरी में आने के लिए हर महीने छह हजार रुपए से कम इनकम दिखाना है। इसलिए इस कैटेगरी में आवेदन आने के बाद उसकी हर लेवल पर जांच की जाती है। इस दौरान आवेदन में कहीं न कहीं कुछ गलती रह जाती है, जिसके कारण अधिकतर आवेदन रिजेक्ट हो जाते हैं और बीपीएल कैटेगरी के लोगों का इनकम सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहा है। इसके उलट जिनको 96 हजार रुपए(एपीएल कैटेगरी) तक का इनकम सर्टिफिकेट की जरूरत है उनको ऑनलाइन आवेदन देना है उनका तुरंत बन जाता है। इसके लिए बहुत जांच नहीं की जाती है। इसलिए यह सर्टिफिकेट जल्दी बन जा रहा है।

ऐसे बनता है आय प्रमाणपत्र

आय प्रमाण पत्र लेने वाले आवेदक को सिर्फ घोषणा करना होता है कि उनकी कितनी आय है, जो लोग 72 हजार रुपए से कम आय बताते हैं उनका आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए खुद से डिक्लेरेशन करना होता है कि उनकी इतनी आय है। सभी कागजात के साथ प्रज्ञा केंद्रों में आवेदन करना है। वहां से आवेदन सीओ ऑफि स में आता है, जहां कर्मचारी, सीआई, सीओ जांच करते हैं। इसके बाद एसडीओ के पास भेजा जाता है और एसडीओ लेवल से जांच की जाती है। फिर सर्टिफि केट उपलब्ध कराया जाता है।

यह हो रही है परेशानी

आरटीई के तहत नहीं हो रहा एडमिशन

किशोर गंज की रहने वाली रीना कुमारी भी गरीब है और 72 हजार का आय प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन दिया है। लेकिन उनको 96 हजार रुपए का आय प्रमाणपत्र बनाकर दे दिया गया।

प्रज्ञा केंद्र से आय प्रमाणपत्र बनाने के लिए आवेदन आता है, जो 72 हजार रुपए से कम का आय प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करते हैं, उनके आवेदन की जांच की जाती है। इसमें बहुत सारे लोग जान-बूझ कर आवेदन देते हैं। इसलिए यह सर्टिफिकेट कम संख्या में बनता है।

-विनोद प्रजापति, सीओ, बड़गाई

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शहर के सभी प्राइवेट स्कूलों में राइट टू एजुकेशन के तहत गरीब परिवार के बच्चों को 25 प्रतिशत तक एडमिशन लेना अनिवार्य है। स्कूलों ने इसका क्राइडेंशियल यह तय किया है कि जिनका सालाना इनकम 72000 रुपए से कम है उन्हीं के बच्चों का आरटीई के तहत स्कूल में एडमिशन होगा। लेकिन अधिकतर लोगों का 72 हजार रुपए तक का सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहा है। इस कारण उनके बच्चों का एडमिशन अच्छे स्कूल में नहीं हो पा रहा है। सर्टिफिकेट बनाने के लिए लोग हर दिन कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।

अंत्योदय योजना का लाभ नहीं

पीडीएस के तहत अंत्योदय योजना के कार्ड धारी को जिनका 72 हजार से कम इनकम है, उनको हर महीने 2 किलो चीनी भी दी जाएगी। लेकिन जिन लोगों का सर्टिफिकेट नहीं बना है उनको यह लाभ नहीं मिल रहा है। लोग जो वास्तव में 72 हजार से कम का इनकम करते हैं, उनके लिए भी परेशानी बढ़ गई है।

नहीं होगा मुफ्त इलाज

सरकार ने यह भी नियम लागू किया है कि जिन लोगों का 72 हजार रुपए से कम इनकम है, उनका राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा योजना के तहत मुफ्त में इलाज किया जाएगा। पूरे साल तक के लिए उनको एक स्मार्ट कार्ड दिया जाएगा, जिससे वो अपना इलाज मुफ्त में करा सकते हैं। लेकिन बहुत सारे लोग हैं, जो 72 हजार रुपए से कम तक का सर्टिफि केट नहीं बनवा पा रहे हैं। इस कारण उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

वर्जन

सोमवार को इस बात की समीक्षा की जाएगी कि आखिर क्यों 72 हजार का इनकम सर्टिफिकेट नहीं बन रहा है। अगर इस मामले में किसी को परेशानी होती है तो वो मुझसे सीधे शिकायत कर सकते हैं। वैसे समीक्षा के बाद समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।

राय महिमापत रे, डीसी, रांची

केस-1

बीपीएल के बच्चे का रुका स्कूल में एडमिशन

हिन्दपीढ़ी के रहने वाले फारूख असलम गरीब हैं, उनको अपने बच्चे का आरटीई के तहत स्कूल में एडमिशन कराना है। स्कूल ने कहा है कि 72 हजार का आय प्रमाणपत्र लेकर आएं। वो प्रमाणपत्र बनाने के लिए दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन सर्टिफिकेट नहीं बन रहा है।

केस-2

आवेदन 72 हजार का, सर्टिफिकेट दिया 96 हजार का

Posted By: Inextlive