i reality check

सभी पैंट्री कार संचालकों को दी गई है पीओएस मशीन

नो बिल, फ्री फूड की पॉलिसी पहले से है लागू

balaji.kesharwani@inext.co.in

PRAYAGRAJ: ट्रेनों में सफर करने वाले पैसेंजर्स अगर थोड़ा अवेयर हो जाएं. रेलवे के साथ अपनी भी कुछ जिम्मेदारी समझें तो रनिंग ट्रेनों में पैंट्री कार संचालकों द्वारा की जा रही मनमानी और फूड पर ओवरचार्जिग पूरी तरह से बंद हो जाए. पैंट्रीकार संचालकों व वेंडरों की मनमानी रोकने के लिए आईआरसीटीसी ने सभी पैंट्री कार संचालकों को पीओएस मशीन अवेलेबल करा दी है. आईआरसीटीसी द्वारा निर्धारित फूड का रेट इसमें फीड है. पीओएस मशीन से बने बिल में पैंट्रीकार संचालकों द्वारा ओवरचार्जिग किए जाने का कोई चांस ही नहीं है.

यूं आई हकीकत सामने

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने इलाहाबाद जंक्शन से होकर गुजरने वाली हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस के पैंट्री कार में रियलिटी चेक किया तो यह हकीकत सामने आई..

ट्रेन: हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस

समय: दोपहर 1.20 बजे

स्पॉट: प्लेटफार्म नंबर 1

ट्रेन रुकते ही रिपोर्टर पैसेंजर बनकर पैंट्री कार में पहुंचता और मैनेजर से पूछा..

रिपोर्टर: खाना मिल जाएगा क्या?

मैनेजर: हां, मिल जाएगा.

रिपोर्टर: एक थाली कितने की है.

मैनेजर: 50 रुपया और 100 रुपए की वेज थाली है.

रिपोर्टर: 50 रुपये वाली थाली दे दो. लेकिन मुझे बिल भी चाहिए.

मैनेजर: बिल्कुल, बिल तो हम आपको देंगे ही.

रिपोर्टर: कौन सा बिल दोगे, कैशमेमो वाला?

मैनेजर: नहीं, भाई साहब, मशीन वाला प्रिंटेड बिल.

रिपोर्टर: ये मशीन वाला बिल कब से मिलने लगा?

मैनेजर: कुछ दिन हो गए, अब जो पैसेंजर बिल मांगता है, उसे हम यही बिल देते हैं.

बॉक्स

पहले ही लागू है 'नो बिल, फ्री फूड'

जुलाई 2018 में ही रेलमंत्री पीयूष गोयल ने पैंट्री कार संचालकों की मनमानी रोकने के लिए 'नो बिल, फ्री फूड' की पॉलिसी को लागू किया था. जिसके तहत उन्होंने पैसेंजर्स से अपील की थी कि वे ट्रेन में सफर के दौरान पैंट्री कार व वेंडर से लिए गए सामानों का भुगतान तभी करें, जब वह आपको बिल दे. रेल मंत्री के इस आदेश पर आईआरसीटीसी और रेलवे ने सख्ती से काम करते हुए अधिक से अधिक ट्रेनों में पीओएस मशीन अवेलेबल करा दिया है.

लंच के लिए पहले से ही एक होटल से ऑनलाइन बुकिंग करा रखी थी. ट्रेन जैसे ही इलाहाबाद जंक्शन पर रुकी, मेरा खाना आ गया. पैंट्रीकार के खाने पर मुझे बिल्कुल विश्वास नहीं है.

-सरिता विश्वास

पैंट्री कार में मिलने वाले खाने की क्वॉलिटी बहुत खराब होती है. रेट भी मनमाना लेते हैं. जंक्शन पर रेस्टोरेंट्स का जो खाना मिलता है, वह महंगा होता है, लेकिन क्वॉलिटी अच्छी होती है.

अजय सिंह

ट्रेन में फूड के साथ बिल भी दिया जाता है, इसकी जानकारी मुझे तो नहीं है. आज तक मैंने बिल मांगा ही नहीं. आप कह रहे हैं तो अब आगे से बिल जरूर मांगेंगे.

अमरनाथ

पैसेंजर्स के साथ फ्रॉड न हो इसलिए पैंट्री कार संचालकों को पीओएस मशीन दी गई है. पैसेंजर्स की भी जिम्मेदारी है कि कुछ खरीदें तो बिल जरूर मांगें. बिल नहीं मिलती तो शिकायत रेलवे के अधिकारियों से करें.

-अमित मालवीय

पीआरओ, एनसीआर

Posted By: Vijay Pandey