RANCHI: रिम्स की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। लाख कोशिशों के बाद भी प्रबंधन हॉस्पिटल में मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने में फेल हो रहा है। अब तो स्थिति यह है कि वार्डो के आसपास महीनों से कबाड़ जमा है, जिसकी वजह से गंदगी का अंबार लगता जा रहा है। वहीं मच्छरों के आतंक से मरीज परेशान हैं। अगर यही स्थिति रही तो लोग इलाज के लिए रिम्स आएंगे और बीमारियां साथ लेकर जाएंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर रिम्स के मरीजों को अव्यवस्था से कब छुटकारा मिलेगा?

मेंटेनेंस के दौरान कंडम सामान

हॉस्पिटल में आए दिन मेंटेनेंस का काम चलता रहता है। इस दौरान कंडम सामानों को बदल दिया जाता है। वहीं खराब हो चुके सामानों को भी निकालकर रखा जाता है। लेकिन इसके बाद इन सामानों को हटाने के लिए न तो टेंडर किया जाता है और न ही कहीं और स्टोर किया जाता है। लगातार एक जगह पर कबाड़ पड़े रहने से उसमें मच्छरों ने डेरा जमा लिया है। वहीं कीड़े-मकोड़े भी पनप रहे हैं।

एडमिट हैं डेंगू-मलेरिया के मरीज

बेसमेंट में आर्थो के अलावा डेंगू और मलेरिया के भी मरीज एडमिट रहते हैं। वहीं आइसीयू और आइसीसीयू भी उसके ऊपर ही है। ऐसे में कबाड़ जमा रहने से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है। मरीजों के परिजन भी मच्छरों के आतंक से परेशान हैं। इतना ही नहीं, मच्छरों के आतंक से रात में ड्यूटी में तैनात डॉक्टर भी अछूते नहीं हैं। उन्हें भी वार्डो में कॉइल और लिक्विड जलाकर ड्यूटी करनी पड़ रही है।

Posted By: Inextlive