- इलाज के अभाव में लगातार बढ़ रही मृतकों की संख्या

- पोस्टमार्टम के लिए भी मिल रहा दो दिन का समय

Meerut। प्रशासनिक अफसरों के अलावा नेता भी मेडिकल कॉलेज का दौरा कर आए, लेकिन इसके बावजूद सहारनपुर शराब कांड के पीडि़तों का दर्द कम नहीं हो सका। हालात इस कदर बद्तर हैं कि पहले लोगों को इलाज नहीं मिला और मौत के बाद शव के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। प्रशासन की प्राथमिकता यह भी नहीं है कि जिसकी मौत हो गई है, उसका जल्द से जल्द पोस्टमार्टम हो जाए। डॉक्टर्स की कमी के चलते पोस्टमार्टम के लिए भी नंबर मिल रहा है। प्रिंसिपल डॉ। आरसी गुप्ता ने बताया कि डॉक्टर्स की कमी के चलते दिक्कत आ रही है, जिसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

पीएम के लिए कतार

शुक्रवार रात को हादसे में मौत का शिकार बने मृतकों के परिजनों को मेडिकल कालेज में मोर्चरी पर पोस्टमार्टम के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। हालत यह है कि शुक्रवार के मृतकों का रविवार तक पोस्टमार्टम नहीं हो सका, वहीं शनिवार शाम को मृतक घोषितों को सोमवार तक पोस्टमार्टम का समय दिया जा रहा है।

इमरजेंसी में इंतजाम नहीं

मेडिकल कॉलेज में सहारनपुर शराब कांड के मृतको की संख्या रविवार को 24 पहुंच गई। हालत यह हैं कि समय से सही इलाज न मिलने पर मरीज मौत का शिकार हो गए। 200 करोड़ की लागत से बनाई गई हाईटेक मेडिकल इमरजेंसी में सुविधाओं के अभाव में 24 लोगों ने दम तोड़ दिया और अभी करीब 18 मरीज जिंदगी मौत से जंग लड़ रहे हैं।

ट्रीटमेंट नहीं खानापूर्ति

तीमारदारों का आरोप है कि मेडिकल कालेज मरीजों के प्राइमरी ट्रीटमेंट तक सीमित रहा है। इमरजेंसी में वरिष्ठ चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों को केवल जूनियर डॉक्टर्स और स्टॉफ पर निर्भर रहना पड़ा। जहर निकालने या असर को कम करने के लिए न तो कोई इलाज इमरजेंसी में उपलब्ध था और न ही प्रयास किया गया। जिसके चलते अस्पताल में आने वाले मरीजों की मौत की सूचनाओं का क्रम लगातार जारी रहा।

हालात से टूटी उम्मीद

इमरजेंसी में अपनों के इलाज की उम्मीद लेकर पहुचे परिजनों की आस मेडिकल कालेज पहुंचते ही टूटना शुरु हो गई। घंटों बाद मरीज को अटेंड करने के लिए डॉक्टर पहुंचे और इलाज के नाम पर केवल ड्रिप लगाकर खानापूर्ति कर दी गई। इलाज न मिलने पर कई बार परिजनों ने हंगामा किया तब जाकर मरीजों को दर्द में आराम की दवा व अन्य दवाएं दी गई।

शनिवार रात को अपने बेटे किशनपाल को भर्ती कराया था। जब हालत इतनी खराब नही थी लेकिन दो घंटे तक वह दर्द से तड़पता रहा किसी प्रकार का इलाज नही दिया गया। कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई।

- विशंभर

अपने भाई विश्वास को जब मेडिकल कालेज लाया था तो वह सही बोल रहा था। केवल सांस फूल रही थी, लेकिन इलाज नहीं मिला, जिस कारण से हालत बिगड़ गई। इलाज के नाम पर मरीजों को कुछ नही मिल रहा है।

- रोहित कुमार

बडे़ भाई इंद्र सिंह को कल दोपहर इमरजेंसी में लाए थे। तब वह बोल रहे थे, लेकिन करीब डेढ़ घंटे बाद उनकी हालत बिगड़ गई। एक घंटे तक किसी प्रकार का इलाज नहीं दिया गया।

- मनोज

सपा नेताओं का रहा जमघट

रविवार को सुबह से ही मेडिकल कालेज इमरजेंसी में सपा नेताओं के आने का सिलसिला शुरु हो गया। सुबह सवेरे सपा नेता अतुल प्रधान, विधायक रफीक अंसारी, जयवीर सिंह ने मरीजों से बातचीत कर अस्पताल की सुविधाओं की जानकारी ली। अतुल प्रधान ने अस्पताल में असुविधाओं पर नाराजगी जताते हुए सीएमएस और प्राचार्य से सही इलाज देने को कहा। वही प्रशासनिक अधिकारियों की अनुपस्थित पर रोष जताते हुए एमडीएम सिटी को मौके पर बुलाकर समय से पोस्टमार्टम कराने और इलाज की व्यवस्था कराने को कहा। इस दौरान परिजनों ने शिकायतों के साथ रोष जताए।

Posted By: Inextlive