क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: राजधानी के सदर हॉस्पिटल समेत कई मॉल में फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया है. ऐसे में अगर आग लगती है तो पूरी बिल्डिंग ही खाक हो जाएगी. वहीं कंजस्टेड होने की वजह से आग को कंट्रोल करना भी मुश्किल होगा. रविवार को एम्स के ट्रामा सेंटर के ओटी में आग लगने से सबकुछ खाक हो गया. इसके बाद भी सिटी के हॉस्पिटल और मॉल में हजारों लोगों की जान भगवान भरोसे है. अगर जल्द ही फायर फाइटिंग सिस्टम को दुरुस्त नहीं किया जाता है तो एम्स जैसी दुर्घटना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

सदर हॉस्पिटल: 2016 में ही रिफिल डेट खत्म

सदर हॉस्पिटल में हर दिन इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक लगभग एक हजार मरीज इलाज के लिए आते हैं. इसके बावजूद वहां पर फायर फाइटिंग सिस्टम दुरुस्त नहीं है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2016 में फायर एक्सटिंग्विशर के एक्सपायर होने के बाद भी आजतक बदला नहीं गया है. इस बीच अगर आग लग जाए तो हजारों मरीज बेवजह अपनी जान गंवा देंगे.

गोपाल कॉम्प्लेक्स: एक्सपायर्ड फायर एक्सटिंग्विशर

सिटी के सबसे नामी कांप्लेक्स में गोपाल कांप्लेक्स आता है. जहां पर ढाई दर्जन दुकानों के अलावा कई ऑफिस भी चल रहे हैं. इसके अलावा ऊपरी तल्ले पर लोग भी रहते हैं. लेकिन ओनर को इस बिल्डिंग में हजारों की जान की कोई परवाह ही नहीं है. जबकि पिछले साल ही इस बिल्डिंग में आग लग गई थी. वहीं फायर ब्रिगेड को भी आग पर काबू पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी. इसके बाद क्रेन लगाकर ऊपरी तल्ले में फंसे हुए लोगों को बचाया गया था.

हरि ओम टावर: एक्सपायरी डेट की पर्ची गायब

हार्ट आफ द सिटी लालपुर स्थित हरिओम टावर में 50 से अधिक दुकानें हैं. वहीं उतनी ही संख्या में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट भी हैं. जहां पर हर वक्त 3-4 हजार स्टूडेंट्स भी मौजूद रहते हैं. वहीं मार्केट में भी हजारों लोग खरीदारी के लिए आते हैं. लेकिन प्रबंधन ने फायर एक्सटिंग्विशर लगाने के बाद इस ओर ध्यान ही नहीं दिया. अब तो स्थिति यह है कि उसपर लगी पर्चियां भी गायब हो गई हैं. इससे पता लगाना मुश्किल है कि कब इंस्टाल किया गया था.

Posted By: Prabhat Gopal Jha