-बिना लाइसेंस के शहर के होटलों व रेस्टोरेंट में चल रहे हैं हुक्का बार

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JAMSHEDPUR: लौहनगरी के यंगस्टर्स हुक्के के धुएं में अपनी जिंदगी को उड़ा रहे हैं। यहां रेस्टोरेंट, कॉफी हाउस व स्पो‌र्ट्स पार्लर की आड़ में चल रहे हुक्का बार शहर को 'उड़ता जमशेदपुर' बनाने पर आमादा हैं। आई नेक्स्ट की टीम ने जब शहर में अवैध रूप से चल रहे हुक्का बार का मुआयना किया तो कई खौफनाक सच सामने आए। एक तरफ जहां जिले के डीसी अमित कुमार के निर्देश पर तंबाकू उत्पाद अधिनियम-ख्0क्फ् (कोटपा) को सख्ती से लागू करने के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर छापेमारी टीम का गठन किया गया है। वहीं दूसरी ओर प्रतिबंधित होने के बावजूद शहर में अवैध रूप से धड़ल्ले से हुक्का बार चल रहे हैं। शहर के लगभग सभी हुक्का बार में नशे का धंधा भी फल-फूल रहा है।

आधा दर्जन हुक्का बार

फिलहाल शहर में बिना लाइसेंस के आधा दर्जन हुक्का चल रहे हैं। हुक्का सिगरेट, गुटखा या फिर दारु से क्00 गुणा ज्यादा हानिकारक पदार्थ है। हुक्का बार में 7 से 8 प्रकार के फ्लेवर मिलते है। हुक्का बार में एप्पल, मिन्ट, चेरी, चोकलेट, केपेचिनो, वाटर मेलन आदि फ्लेवर मिलते हैं।

स्टूडेंट्स, रईसदाजे हैं टारगेट

स्कूल व कॉलेज आने-जाने वाले स्टूडेंट्स हुक्का बार ओनर्स के मेन टारगेट होते हैं। इसके अलावा शहर के रईसजादे भी इनके निशाने पर होते हैं। एक बार हुक्के की लत लगने पर यूथ बार-बार यहां आते हैं। इस तरह हुक्का बार संचालक अपनी कमाई बढ़ाते हैं।

कीमत फ्00 से भ्00 तक

हुक्का बार में एक हुक्के के लिए यूथ से फ्00 से भ्00 रुपए तक लिए जाते हैं। हुक्के में फ्लेवर लाने के लिए उसमें एक खास तरह का सिरप मिलाया जाता है। फ्लेवर्ड हुक्के में गुलाब व स्ट्रॉबेरी फ्लेवर्स सबसे अधिक बिकता हैं। फ्लेवर्स के साथ चरस या फिर गांजा मिलाने पर भ्00-700 रुपये की कीमत हो जाती है। बार संचालक फ्लेवर में ही एक पुडि़या चरस और गांजे की मिलाकर यंगस्टर और टीन एजर्स को नशे में डुबो देते है।

हॉर्ट ब्लॉक होने का खतरा

फ्0 मिनट हुक्का पिने वाला व्यक्ति ब्00 सिगरेट के बराबर धुंआ अपने अंदर सांस के सहारे लेता है। जिसे डॉक्टर्स काफी खतरनाक मानते हैं। इतना धंआ एक साथ किसी व्यक्ति के शरीर के अंदर जाने के कारण हार्ट ब्लॉक होने का खतरा बना रहता है।

ज्यादा नुकसानदेह है हुक्का

हेल्थ एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक हुक्का बाजार में बिकने वाले सिगरेट, गुटखा, पान-बीड़ी, खैनी ही नहीं बल्कि शाराब, गांजा, अफीम एवं चरस से भी कई ज्यादा खतरनाक होता है। इससे निकलने वाले धुंए में सबसे ज्यादा हानिकारक निकोटिन पाई जाती है। हुक्का के कश को खिंचने वाला पाइप कार्बन मोनोओक्साइड, टार, हेवी मेटल और केमिकल जेनरेट करता है, जो केंसर का मुख्य कारक है। हुक्का पीने से सांस फूलने, दमा, खांसी, टीबी, चेस्ट टाइटनेश आदि की शिकायत भी आती है। हुक्का पीने वालों को सबसे ज्यादा लंग कैंसर होने का खतरा रहता है।

नुकसान की जानकारी नहीं

दैनिक जागरण-आई नेक्ट्स ने जब शहर में संचालित हो रहे हुक्का बार का मुआयना किया तो पाया कि शहर के यंगस्टर को हुक्का के धुएं से होने वाले नुकसान की जानकारी नहीं है। हुक्का बार में यंगस्टर्स ने बातचीत के दौरान बताया कि हुक्का से किसी प्रकार का नशा नहीं होता है। इससे उनके शरीर को हानि नहीं पहुंचती है। इसके अलावा हुक्का बार में मिलने वाले तरह-तरह के फ्लेवर मुंह के टेस्ट को चेंज कर देता है और ये प्लेवर हुक्के के धुंए में से नेकोटिन हटाकर उसे टेस्टी बना देते हैं।

क्या है नियम

सार्वजनिक स्थलों पर स्मोकिंग करने पर प्रतिबंधित है। फिलहाल होटल, रेस्टोरेंट या बार जैसे सार्वजनिक स्थानों के मैनेजमेंट को स्मोकिंग एरिया बनाने का अधिकार है। सरकार ने धूम्रपान प्रतिषेध नियम ख्008 में बदलाव के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। इसके मुताबिक धूम्रपान स्थल पर किसी सेवा की अनुमति नहीं होगी। अभी तक स्मोकिंग एरिया में सर्विस देने की आड़ में हुक्का बार चल रहे हैं। इन बदलावों के बाद होटल, रेस्टोरेंट या बार मालिक स्मोकिंग एरिया में हुक्का या सिगरेट नहीं पहुंचा सकता।

कोटपा के रूल्स

-सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान दंडनीय अपराध।

-स्मोक फ्री होंगे डीसी आफिस समेत सभी सरकारी ऑफिस।

-होटल व रेस्टोरेंट में धूम्रपान पर रोक।

-फ्0 से ज्यादा कमरों वाले होटलों में धूम्रपान की छूट, लेकिन बनाना होगा अलग स्मोक जोन।

-एयरपोर्ट पर भी अलग स्मोक जोन में जाकर करना होगा धूम्रपान।

-तंबाकू का विज्ञापन दिखाने पर पांच साल तक की कैद व भ्000 रुपए तक जुर्माना।

-बिना चित्रित वैधानिक चेतावनी तंबाकू उत्पाद बेचने पर रोक।

फैक्ट फाइल

- जमशेदपुर के डीसी अमित कुमार के निर्देश पर गठित जिला स्तरीय छापेमारी टीम ने मंगलवार को शहर के चार बड़े होटलों में छापेमारी कर तंबाकू अधिनियम ख्0क्फ् के के अंतर्गत कारवाई फ्ख्00 रुपये जुर्माना वसूला है। इस दौरान कोटपा के उल्लंघन में क्म् लोगों पर कार्रवाई हुई है।

- राजधानी रांची में पिछले दिनों डीसी मनोज कुमार के आदेश पर कई अवैध हुक्का बार में छापेमारी कर उन्हें बंद करा दिया गया था।

- गुजरात में हुक्का बार चलाने पर अधिकतम फ् साल की जेल का प्रावधान है।

कोटपा से रिलेटेड सेक्शन-ब् और म् के अंतर्गत शहर के होटलों व दुकानों में छापेमारी की गई। हुक्का कोटपा के अंतर्गत आता है या नहीं इसकी जानकारी मुझे नहीं है। निर्देश मिलने पर इसपर भी कार्रवाई की जायेगी।

-सुबोध कुमार, एडीएम व विशेष नोडल पदाधिकारी (कोटपा), ईस्ट सिंहभूम

Posted By: Inextlive