i reality check

-जिला मुख्यालय के आसपास खुलेआम बिक रहे कटे फल

-साफ-सफाई नहीं होने पर हजारों पर बीमारी का खतरा

-डीएम, सीडीओ, एसडीएम सहित दो सौ मीटर की दूरी पर है फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट

PRAYAGRAJ: जिले के आलाधिकारी यहीं बैठते हैं. कलेक्ट्रेट, विकास भवन सहित सदर तहसील भी यहीं है. डीएम, सीडीओ और एसडीएम सहित हजारों कर्मचारी व उनसे मिलने वाली पब्लिक यहां आती रहती है. फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट भी यहीं पर है. इसके बावजूद न तो मिलावट पर लगाम है और न ही क्वॉलिटी की परवाह है.

सीन-1

कोका कोला की बोतल में क्या?

कलेक्ट्रेट के ठीक सामने ठेले पर गन्ने का रस बेचने वाले की दुकान पर कोका-कोला और थम्स-अप की बोतल में क्या भरा था यह वह भी नहीं बता पाया. बहुत कुरेदने पर दबी जुबान में बोला कि कलर मिलाकर चीनी का शर्बत रखा है. कलर कैसा है यह भी उसे पता नहीं था. इसे वह खुलेआम शिकंजी में इस्तेमाल कर रहा था. बता दें कि पेट के लिए इस तरह के कलर हानिकारक हो सकते हैं.

सीन-2

कचरे और नाली के पास जूस की दुकान

विकास भवन की दीवार से लगी गन्ने के जूस की दुकान नाली से सटी हुई थी. दूर से ही बदबू आ रही थी. बगल में सूखा और गीला कचरे फेंकने की डस्टबिन भी लगी थी. इसमें से भी बदबू उठ रही थी. रिपोर्टर ने आपत्ति की तो दुकान मालिक ने कोई जवाब नहीं दिया. उसने कहा कि जब साहब नहीं रोकते तो आप कौन होते हैं.

सीन-3

शौचालय के सामने लूज वाटर

कलेक्ट्रेट परिसर से लगे सुलभ कॉम्प्लेक्स के ठीक सामने लूज वाटर की दुकान लगी थी. खुले में कई तरह के नमक, नींबू और गिलास रखे थे. शौचालय से इस दुकान की दूरी दस मीटर भी नहीं थी. पेशाब और संडास की बदबू के बीच दुकानदार लोगों को पानी पिला रहा था. जब उससे ठेला हटाने को कहा गया तो कोई जवाब नहीं मिला.

सीन-4

गंदे पानी में रखे थे खीरे

गर्मी में लोगों को राहत देने वाले खीरे का ट्रीटमेंट बेहद गंदे तरीके से किया जा रहा था. कलेक्ट्रेट के मेन गेट पर लगे इस ठेले में मटमैले रंग का गंदा पानी भरा था और इसमें खीरा धोकर दुकानदार लोगों को खिला रहा था. कुछ ग्राहकों ने साफ पानी में धोने को कहा तो उसने ध्यान नहीं दिया. इसी गंदे पानी से बाकी खीरे भी धुल रहा था.

सीन-5

यह बेल का शर्बत तो कर देगा बीमार

नियमानुसार कटे फलों को खुलेआम नहीं रखा जाता है. लेकिन यहां नजारा कुछ और ही था. बेल की शर्बत की आधा दर्जन दुकानें थीं और सभी जगह कटे हुए बेल रखे हुए थे. इनमें मक्खियां भिनभिना रही थीं. ठेले के आसपास कचरा बिखरा हुआ था. रिपोर्टर के कहने पर भी दुकानदार ने कटे बेल को कपड़े से नहीं ढका.

इसीलिए कर रहे हैं मनमानी

विडंबना है कि महज दो सौ मीटर के दायरे में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट होने के बावजूद इन दुकानदारों का हॉकर लाइसेंस नहीं बना है. इस बारे में दुकानदारों से पूछा गया तो उन्होंने भी गोलमोल जवाब दिया. इतना ही नहीं विभागीय अधिकारियों का भी कहना था कि अस्थाई दुकानदारों का फूड लाइसेंस नहीं बनाया जाता है.

वर्जन..

जिला मुख्यालय के आसपास साफ-सुथरे तरीके से खानपान की वस्तुएं बेची जा रही हैं. हमारी ओर से रेगुलर अभियान चलाकर जांच की जाती है. अगर कोई गंदा और मिलावटी सामान बेचता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

-एसपी सिंह, डीओ, फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट

Posted By: Vijay Pandey