RANCHI:नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा की घोषणा के एक साल होने वाले हैं लेकिन अब तक बिरसा मुंडा हवाई अड्डा से रात्रि सेवा शुरू नहीं की जा सकी है। अथॉरिटी का दावा है कि एयरपोर्ट तो 24 घंटे सेवा देने के लिए तैयार हो गया है लेकिन एयरलाइंस कंपनियों ने अपने पांव फिलहाल पीछे खींच लिए हैं, इस कारण रांची एयरपोर्ट पर लेट नाइट विमान सेवाओं की शुरुआत नहीं की जा सकी है। 31 मार्च 2018 को जयंत सिन्हा ने घोषणा की थी कि जल्द से जल्द रांची एयरपोर्ट से 24 घंटे फ्लाइट सेवा शुरू कर दी जाएगी लेकिन इसके बावजूद इसकी शुरुआत नहीं की जा सकी जो राज्य सरकार और एयरलाइंस कंपनियों के बीच के तालमेल पर बड़े सवाल खड़े कर रही है।

रुझानों के बाद लिया फैसला

मार्च से पूर्व एयरलाइंस कंपनियों ने रांची हवाई अड्डे पर यात्रियों की बढ़ती संख्या और अन्तर्राष्ट्रीय सफर के इच्छुक लोगों को ध्यान में रखते हुए 24 घंटे की सेवा शुरुआत करने संबधी रुझान जताई थी। इस संबंध में कुछ आवश्यक बदलावों और जरूरतों की बात कही गयी जिसके बाद सरकार ने बिरसा मुंडा एयरपोर्ट को रात्रि सेवा के लिए तैयार करने का काम शुरू किया। अब एयरपोर्ट तैयार है लेकिन कंपनियां पीछे हट रही हैं।

आंकड़ों में नंबर-1 पर यात्रियों का टोटा

वित्तीय वर्ष 2017-18 में ग्रोथ रेट में 70 फीसदी के साथ पूरे देश में रांची एयरपोर्ट पहले पायदान पर आ गया। 2014 में रांची एयरपोर्ट से केवल 11 विमानों का परिचालन होता था जबकि मई माह तक करीब 28 विमानों का परिचालन रांची से होता रहा। 2014-15 में यहां से लगभग साढ़े छह लाख यात्री आवाजाही करते थे जो अब बढ़कर 18 लाख हो गए हैं। इसके बावजूद यात्रियों के टोटा होने की बात कहकर कंपनियों ने यहां से फिलहाल 5 फ्लाइट्स बंद कर दी है।

नए खुलने वाले एयरपोर्ट पर सवाल

झारखंड में कई एयरपोर्ट का नव निर्माण किया जा रहा है। साथ ही कई जिलों में नए एयरपोर्ट खोलने पर स्वीकृति दी गई है। बोकारो, हजारीबाग, देवघर, दुमका, धनबाद, डालटनगंज एयरपोर्ट पर काम चल रहा है। देवघर एयरपोर्ट को केंद्र व राज्य सरकार की ज्वाइंट वेंचर बनाकर एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंपा जा चुका है। ऐसे में जब राजधानी में यात्रियों की कमी हो रही है तो दूसरे जिलों में यात्रियों की संख्या पर किए गए सर्वे पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।

अधर में योजनाएं

-नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की घोषणाएं जो लटकी हुई हैं अधर में

- एयरपोर्ट को मिलेगी 152 एकड़ जमीन,

-27 एकड़ में बनेगी मल्टीपार्किंग

- अब हवाई चप्पल वाले भी हवाई जहाज में उड़ें

- विनिवेश के बाद भी एयर इंडिया स्वतंत्र व भारतीय कंपनी ही रहेगी

Posted By: Inextlive