-दो साल महज 40 से 50 बंदियों की ऑनलाइन मुलाकात

-2016 में गोरखपुर जेल में शुरू की गई थी व्यवस्था

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

मंडलीय कारागार में ऑनलाइन बंदियों से मुलाकात के अरमान परवान नहीं चढ़ पा रहे। दो साल पूर्व शुरू हुई व्यवस्था से पब्लिक नहीं जुड़ पाई है। रोजाना महज 40 से 50 लोग बंदियों से ऑनलाइन मुलाकात के लिए आवेदन करते हैं। जेल अधिकारियों का कहना है कि ऑनलाइन मुलाकात को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। लेकिन ट्रेक्निकल जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग इस व्यवस्था का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

कंप्यूटर में रह गए बंदी, ऑफलाइन पर भरोसा

गोरखपुर जेल में बंदियों के लिए ऑनलाइन मुलाकात की व्यवस्था 2016 में शुरू हुई थी। ऑनलाइन मोड में ई-प्रिजन पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराकर आसानी से मुलाकात की जा सकती है। पोर्टल पर दिए गए फार्म को भरने के बाद रजिस्ट्रेशन हो जाता है। मुलाकात के समय जेल में पहुंचकर बंदियों से आसानी से मुलाकात हो जाती है। इससे रोजाना लाइन लगाकर पर्ची बनवाने के झंझट से मुक्ति मिल गई है। लेकिन ऑनलाइन के तामझाम की वजह से गोरखपुर में यह व्यवस्था परवान नहीं चढ़ पा रही है।

एक बार रजिस्ट्रेशन, कई बार होगी मुलाकात

ई प्रिजन पोर्टल पर मुलाकात का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए मुलाकाती को अपना परिचय पत्र देना होगा। इसमें विजिटर्स की डिटेल और टू मीट आप्शन के दो फार्म होते हैं। मुलाकाती और बंदी का पूरा ब्यौरा भरने के बाद मेल आईडी और मोबाइल नंबर का रजिस्ट्रेशन हो जाता है। यूजर के रजिस्ट्रेशन नंबर बताने पर मुलाकात की व्यवस्था जेल प्रशासन कराता है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन स्लिप के साथ आईडी प्रूफ की जांच की जाती है। आनलाइन बंदियों से मुलाकात की व्यवस्था में बड़ा फायदा यह है कि एक बार रजिस्ट्रेशन कराने बाद उसी नंबर से दोबारा मुलाकात की डेट फाइनल हो सकेगी। गोरखपुर में दो साल पूर्व शुरू हुई व्यवस्था में महज 40 से 50 लोग ही मुलाकात कर रहे हैं। जबकि, बंदियों की तादाद 19 सौ से अधिक है।

क्या आती है प्रॉब्लम

-जेल में बंद ज्यादातर बंदियों के परिजन ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करने में असमर्थ हैं।

-लंबे समय से लाइन लगाकर पर्ची बनवाने की आदत की वजह से लोग जल्दी पहुंचते हैं।

-कंप्यूटर चलाने में जानकारी के अभाव की वजह से तमाम बंदियों के परिजन सुविधा से वंचित हैं।

-गांव-गिराव के बंदियों से मिलने वाले परिजन पर्ची बनवाने में ज्यादा भरोसा रखते हैं।

-मोबाइल फोन चलाने में समर्थ, हाईटेक बंदियों के परिजन आनलाइन मुलाकात करते हैं।

वर्जन

गोरखपुर जेल में ऑनलाइन बंदियों की मुलाकात की व्यवस्था है। इसके प्रचार-प्रसार पर पूरा जोर दिया जा रहा है। जेल के बाहर बैनर भी लगवाए गए हैं। रोजाना करीब 40 से 50 बंदियों के परिवारीजन आनलाइन मुलाकात के लिए आवेदन करते हैं।

डा। रामधनी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक

Posted By: Inextlive