i reality check

-रेलमंत्री ने कहा है, बिल न मिले तो खाने का पैसे मत दीजिए

-यहां तो पैंट्रीकार में बिल देने से मना तो किया है, आदेश न होने की भी बात कही

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पैंट्री कार संचालकों पर शिकंजा कसने के लिए 'नो बिल, फ्री फूड' की पॉलिसी लागू की है। इसके बाद भी दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेनों में ओवरचार्जिग जारी है। लंबी रूट की ट्रेनों में पेंट्री कार संचालकों को अभी तक पीओएस मशीन ही नहीं दी गई है। जो पैसेंजर बिल मांगता है, उसे कैशमेमो पकड़ा दिया जाता है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की रियलिटी चेक में यही हकीकत सामने आई। ओवरचार्जिग का हाल ये है कि 55 रुपए वाला भोजन 100 और 120 में और 35 रुपए का नाश्ता 50 से 60 रुपए में दिया जा रहा है।

बिल-विल नहीं है मेरे पास

इलाहाबाद जंक्शन, प्लेटफॉर्म-1

ट्रेन: हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस

समय: दोपहर 1.20 बजे

ट्रेन रुकते ही रिपोर्टर पैसेंजर बनकर पैंट्री कार में पहुंचता और मैनेजर से पूछता है, वेज थाली मिल जाएगी क्या?

मैनेजर: हां, मिल जाएगी।

रिपोर्टर: एक थाली कितने की है।

मैनेजर: 120 रुपए की एक थाली है।

रिपोर्टर: रेट तो बहुत ज्यादा है, रेलवे ने तो 55 रुपए रेट निर्धारित कर रखा है।

मैनेजर: ऐसा कुछ नहीं है, 120 रुपए में ही मिलेगा।

रिपोर्टर: चलो ठीक है, एक प्लेट भोजन दो, लेकिन बिल भी देना।

मैनेजर: बिल-विल नहीं है।

रिपोर्टर: क्यों, रेलवे ने बिल देने का आदेश दे रखा है। साथ ही ये भी कहा है कि बिल न मिले तो पेमेंट ही मत करो।

मैनेजर: ऐसा कुछ नहीं है। आप को भोजन लेना हो तो 120 रुपए दो, नहीं तो आगे बढ़ो। ज्यादा समय नहीं है।

रिपोर्टर: मैं 120 रुपए दे रहा हूं, लेकिन पीओएस मशीन से बिल बनाकर दो।

मैनेजर: कोई मशीन-वशीन नहीं है। रही बात बिल की तो कैशमेमो दे दूंगा।

पैसेंजर्स जानते ही नहीं बिल लेना है

हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस के पैंट्री कार मैनेजर से बातचीत के बाद रिपोर्टर ने बी-1 और बी-2 कोच के पैसेंजर्स से पूछा कि उन्हें ट्रेन में जो फूड मिल रहे हैं, क्या उसके बदले में बिल दिया जा रहा है। इस पर सभी पैसेंजर्स ने नहीं में जवाब दिया। वहीं जब उनसे ये पूछा गया कि क्या उन्होंने पेंट्री कार मैनेजर या फिर वेंडर से बिल मांगा तो उनका कहना था कि नहीं। क्योंकि उन्हें ये जानकारी ही नहीं है कि ट्रेन में भी बगैर बिल के किसी सामान का पेमेंट नहीं करना चाहिए।

हमें नहीं मिली है कोई मशीन

हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस के जाने के थोड़ी देर बाद जोगबनी से आनंद विहार जाने वाली सीमांचल एक्सप्रेस के पैंट्री कार में रिपोर्टर ने मैनेजर से पूछा कि वे पैसेंजर्स को जो फूड दे रहे हैं, उसका बिल देते हैं तो मैनेजर ने कहा कि जो पैसेंजर बिल मांगता है, उसे कैशमेमो काट कर दे दिया जाता है। जो नहीं मांगता, उसे नहीं दिया जाता। रिपोर्टर ने पूछा कि पीओएस मशीन उन्हें मिली है क्या तो मैनेजर ने कहा कि उन्हें कोई मशीन नहीं मिली है। बातचीत चल रही है। लेकिन अभी कोई जानकारी नहीं है।

कॉलिंग

ट्रेन में फूड के साथ बिल भी दिया जाता है, इसकी जानकारी मुझे तो नहीं है। क्योंकि आज तक मैंने बिल मांगा ही नहीं। वैसे अगर आप कह रहे हैं तो अब आगे से बिल जरूर मांगेंगे।

-प्रवीण कुमार

पैसेंजर-जोधपुर हावड़ा एक्सप्रेस

ट्रेन में मनमानी कभी बंद नहीं होने वाली है। बिल लेकर भी पैसेंजर क्या कर लेगा, पैसा तो उतना ही देना होगा, जितना वेंडर कहेगा। अब सफर के दौरान कौन विवाद करे।

-सुबोध

रेलवे अधिकारी कुछ भी कर लें, ओवर चार्जिग बंद होने वाली नहीं है। रेलवे चाहे मेन्यू बांट दे या कुछ भी कर ले, न भोजन की क्वालिटी सुधरेगी और न ही ओवरचार्जिग बंद होगी।

अभिमन्यु सिंह

'नो बिल, फ्री फूड' का रेल मंत्री ने स्लोगन तो दिया है, लेकिन यदि बिल न देने पर पेंट्री कार संचालक लड़ाई करेगा, मारपीट करेगा तो पैसेंजर कैसे जवाब देगा, रेलवे अधिकारी ये बताना भूल गए।

आनंद कुमार

ये बात सही है कि अभी तक ज्यादातर ट्रेनों के पेंट्री कार संचालकों को पीओएस मशीन अवेलेबल नहीं कराई गई है.दिल्ली-हावड़ा रूट के लिच्छवी एक्सप्रेस के साथ ही कुछ अन्य ट्रेनों में पीओएस मशीन अवेलेबल करा दिया गया है। जल्द ही सभी ट्रेनों में पीओएस मशीन होंगी।

-रितेश कुमार

सीनियर सुपरवाइजर, आईआरसीटीसी

Posted By: Inextlive