RANCHI: एक तरफ रिम्स प्रबंधन हॉस्पिटल की व्यवस्था सुधारने में लगा है। वहीं दूसरी ओर हॉस्पिटल मैनपावर की कमी से भी जूझ रहा है। इसे दूर करने को लेकर पिछले महीने हुई गवर्निग बॉडी की मीटिंग में मैनपावर को दुरुस्त करने पर सहमति भी बनी। इसके बावजूद आजतक एक भी स्टाफ की बहाली नहीं की गई। इससे रिम्स में इलाजरत मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। इतना ही नहीं, मरीजों को टाइम से दवाएं और इंजेक्शन भी नहीं मिल पा रही है। बताते चलें कि गवर्निग बॉडी की मीटिंग में दिसंबर तक मैनपावर बहाल करने का निर्णय था।

222 नर्सो की होनी थी बहाली

मरीजों की परेशानी को देखते हुए आउटसोर्स पर नर्स बहाल करने का निर्णय लिया गया था। इस दौरान मेंबर्स ने आपत्ति जताई तो नर्सो के साथ ही परमानेंट थर्ड और फोर्थ ग्रेड स्टाफ्स की बहाली पर भी मंजूरी मिल गई। साथ ही कहा गया कि दिसंबर तक हर हाल में नर्स और स्टाफ्स की बहाली का काम पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन एक महीने बीत बाद भी बहाली को लेकर प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है।

जरूरत ढाई हजार की, 400 से हो रहा काम

हॉस्पिटल में 400 नर्स मरीजों की सेवा करने में जुटी हैं। लेकिन तीन शिफ्ट में ड्यूटी होने के कारण वार्ड में पर्याप्त नर्सो की भी ड्यूटी नहीं हो पाती। ऐसे में कुछ नर्स ओवरटाइम भी कर रही हैं ताकि मरीजों को कोई परेशानी न हो। लेकिन अब नर्सो का सब्र भी जवाब दे चुका है। चूंकि रिम्स में मरीजों की तुलना में कम से कम ढाई हजार नर्सो की जरूरत है। लेकिन 400 नर्सो के सहारे ही 1500 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसका खामियाजा इलाज करा रहे मरीज भुगत रहे हैं।

थर्ड व फोर्थ ग्रेड स्टाफ्स का भी टोटा

रिम्स में इलाज, रिसर्च के साथ ही कई अन्य काम भी होते हैं। इसके लिए थर्ड और फोर्थ ग्रेड स्टाफ्स की जरूरत है। इसकी बहाली करने पर भी जीबी ने अपनी सहमति दे दी थी ताकि इलाज करा रहे मरीजों को भी राहत मिल सके। लेकिन इसकी प्रक्रिया भी ठंड बस्ते में चली गई।

नहीं हुई 5 नई माच्र्युअरी वैन की खरीदारी

हॉस्पिटल से शवों को ले जाने के लिए केवल एक माच्र्युअरी वैन है। ऐसे में मरीजों के परिजनों को माच्र्युअरी वैन ही नहीं मिल पाता। यह देखते हुए जीबी ने 5 नई माच्र्युअरी वैन खरीदने का निर्णय लिया था। साथ ही एक महीने में गाडि़यों की खरीदारी की प्रक्रिया पूरा करने को कहा था। इसके बावजूद माच्र्युअरी वैन की खरीदारी नहीं हुई। बतातें चलें कि रिम्स से लोगों को सरकारी दर पर माच्र्युअरी वैन उपलब्ध कराई जाती है।

वर्जन

जीबी की बैठक हुए डेढ़ महीने बीत चुके हैं। लेकिन आजतक बैठक की प्रोसीडिंग भी हमें उपलब्ध नहीं कराई गई है। सुपरिंटेंडेंट से इस मामले में वार्ता हुई थी। लेकिन प्रोसीडिंग में कुछ गड़बड़ी के कारण रोकने की बात कही गई। सबसे बड़ी बात यह है कि मैनपावर की कमी से मरीजों को परेशानी हो रही है। इस मामले में डायरेक्टर को तत्काल प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है। तभी मरीजों को हॉस्पिटल में बेहतर सुविधाएं मिल पाएंगी।

राजकिशोर, सांसद प्रतिनिधि सह गवर्निग बॉडी मेंबर, रिम्स

Posted By: Inextlive