कैसे करेंगे नक्सलियों से मुकाबला?
-डिस्ट्रिक्ट के 300 से भी ज्यादा एसपीओ को एक साल से नहीं मिली है सैलरी
-एसएसपी से भी बता चुके हैं अपनी प्रॉब्लम -एसपीओ के नक्सलियों के साथ जुड़ने की संभावना बढ़ी -एसपी ने कहा जल्दी ही दूर कर ली जाएगी फंड की कमी द्भड्डद्वह्यद्धद्गस्त्रश्चह्वह्म@द्बठ्ठद्ग3ह्ल ईस्ट सिंहभूम डिस्ट्रिक्ट के तीन सौ एसपीओ को पिछले एक साल से सैलरी नहीं मिली है। स्पेशल ब्रांच के लिए काम करने वाले एसपीओ को भी पिछले तीन महीने से सैलरी नहीं मिल रही है। इस वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा वर्ष 2008 में नक्सल अफेक्टेड एरिया में 300 से ज्यादा एसपीओ को अप्वाइंट किया गया था। उस वक्त उनकी सैलरी 1500 रुपए फिक्स की गई थी, जिसे बाद में बढ़ा कर 3000 रुपए कर दिया गया था। नक्सल अफेक्टेड एरियाज में है एसपीओ की नियुक्तिईस्ट सिंहभूम के लगभग सभी नक्सल अफेक्टेड एरियाज में एसपीओ की नियुक्ति की गई थी। वर्ष 2003 में बनी नागरिक सुरक्षा समिति के ज्यादातर मेंबर्स एसपीओ का रोल निभा रहे हैं। इनके बारे में किसी को कई जानकारी नहीं होती, क्योंकि सिक्योरिटी रीजन से इन्हें अंडर कवर ही रखा जाता है। जानकारी के मुताबिक इनमें कई लड़कियां भी शामिल हैं। एसपीओ ने नासुस के प्रेसिडेंट शंकर हेम्ब्रम से भी इस मामले की शिकायत की थी। इतना ही नहीं उन्होंने एसएसपी से मुलाकात कर अपनी प्रॉब्लम बताई थी।
डेली वेज वर्कर के तौर पर काम कर रहे हैं एसपीओ ज्यादातर एसपीओ यूथ हैं और कम एज ग्रुप के हैं। फाइनेंशियल प्रॉब्लम होने के कारण इनमें से ज्यादातर मजदूरी, कुछ खेती और कुछ जंगली उत्पाद बेच कर अपना गुजारा कर रहे हैं। फाइनेंशियली वीक होने के कारण उनके नक्सलियों के साथ जुड़ने की संभावना भी जताई जा रही है। फाइनेंशियली वीक होने के कारण अर्निग के लिए यूथ एसपीओ नक्सलियों के साथ भी जुड़ सकते हैं। अगर सैलरी मिलने में देरी हुई, तो ये नक्सलियों के साथ मुकाबला करने में असफल हो सकते हैं। बाद में इन्हें मेन स्ट्रीम में लाने में प्रॉब्लम हो सकती है। -शंकर हेम्ब्रम, प्रेसिडेंट, नासुस अलॉटमेंट नहीं होने के कारण एसपीओ को सैलरी देने में प्रॉब्लम हो रही है। जल्दी ही इस प्राब्लम को शॉर्ट-आउट कर लिया जाएगा, ताकि उन्हें सैलरी दी जा सके। शैलेन्द्र सिन्हा, एसपी, रूरल, ईस्ट सिंहभूम