डीएम के निर्देश पर एडीएम भूमि अध्याप्ति ने केस दर्ज कराना शुरू किया

ज्यादातर मामलों में स्वामित्व और मुआवजा विवाद आया सामने

Meerut। विकास योजनाओं के आड़े आ रहे भूमि अधिग्रहण के विवादों को अब जिला प्रशासन कोर्ट में ले जा रहा है। डीएम अनिल ढींगरा के निर्देश पर एडीएम भूमि अध्याप्ति ने विभिन्न योजनाएं ऐसे प्रकरणों का चिह्नित कर कोर्ट में केस दर्ज कराने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। जनपद में करीब डेढ़ दर्जन ऐसे केसेस पकड़ में आए हैं। एमडीएम एलए ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने कहाकि स्वामित्व एवं मुआवजा विवादों की सुनवाई अब सक्षम न्यायालय में होगी। विभाग द्वारा ऐसे केसेस को न्यायालय में दर्ज कराया जा रहा है।

ये है मुश्किल

भूमि अधिग्रहण में कभी-कभी स्वामित्व को लेकर विवाद सामने आ रहे हैं तो कभी-कभार मुआवजे की दरों को लेकर किसान संतुष्ट नहीं होते हैं। ऐसे केसेस न सिर्फ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं बल्कि परियोजना की देरी का कारण भी हैं। यह भी देखा गया है कि इन केसेस में जिला भूमि अध्याप्ति विभाग द्वारा सुनवाई के बाद यदि कोई फैसला दे भी दिया जाता है तो उसे आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता। ज्यादातर केसेस में तो भूमि अध्याप्ति विभाग के अफसरों को तरह-तरह के आरोपों से दो-चार होना पड़ता है। इसके अलावा एडीएम एलए के फैसले को हारा हुआ पक्ष हाईकोर्ट में चैलेंज भी कर रहा है।

अब कोर्ट करेगा सुनवाई

ऐसे केसेस की अब न्यायालय सुनाई करेगा। एडीएम एलए (लैंड एक्यूजीशन) ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अधिग्रहण की जद में आ रही भूमि पर स्वामित्व को लेकर विवाद की सुनाई पर कोर्ट में होगी। इसके अलावा मुआवजा से संबंधित प्रकरण भी सिविल कोर्ट में जाएंगे। प्रथम चरण में करीब डेढ़ दर्जन केसेस को सिविल कोर्ट में दर्ज कराया जा रहा है।

इन योजनाओं से जुड़े हैं केस

मेरठ-बुलंदशहर हाईवे

मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर

Posted By: Inextlive