- दून अस्पताल में लम्बे समय से नहीं है कार्डियोलॉजिस्ट

- इको और इको कार्डियोग्राफी की सुविधा होने के बाद भी मरीजों बेहाल

- जांच के बाद इलाज के लिए जाना पड़ता है प्रावइेट हॉस्पिटल

देहरादून, प्रदेश के सबसे बड़े दून अस्पताल में दिल के मरीजों के लिए मरहम नहीं है। यहां सिर्फ दिल की बीमारियों की जांच हो सकती है, लेकिन इलाज की फैसिलिटी मरीज को नहीं मिलती। करीब एक वर्ष से यहां कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति ही नहीं हो पाई है, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

सस्ती जांच किस काम की

दून अस्पताल में दिल की बीमारियों की जांच के लिए इको और इको कार्डियोग्राफी की सुविधा तो है, लेकिन स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की निुयक्ति न होने के कारण बीमारियों के इलाज की व्यवस्था नहीं। ये जांच काफी कम दरों पर यहां हो जाती हैं। प्राइवेट लैब में इन जाचों के लिए मरीज को 2 से 3 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं।

फिजिशियन के भरोसे मरीज

पहाड़ से लेकर दूर दराज क्षेत्रों से कई मरीज दून अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचते हैं। लेकिन गंभीर बीमारी होने पर बड़े अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। खासकर दिल के मरीजों की दून अस्पताल में जांच तो हो जाती है। लेकिन इलाज के उन्हें प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ता है और सरकारी अस्पताल में सस्ते इलाज से वे महरूम हो जाते हैं। दून अस्पताल के एमएस डॉ। केके टम्टा ने बताया कि दिल के मरीज की पूरी जांच दून अस्पताल में हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी मरीज दिल की बीमारी की समस्या को लेकर आते हैं, उन्हें फिजिशियन डॉक्टर दवा लिख सकते हैं।

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दिल के मरीजों की पूरी जांच दून अस्पताल में हो रही है। हालांकि कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है। लेकिन फिजिशियन मरीजों को दवाई दे सकते हैं।

डॉ। केके टम्टा, एमएस दून अस्पताल।

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दून अस्पताल में फ्री मैमोग्राफी कैंप

लम्बे इंतजार के बाद दून अस्पताल में अब मैमोग्राफी की सुविधा भी मिलेगी। दून अस्पताल के एमएस डॉ। केके टम्टा ने बताया कि मंगलवार, गुरुवार और शनिवार तीन दिन अस्पताल में मैमोग्राफी की सुविधा दी जाएगी। इस दौरान महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के लिए भी अवेयर किया जाएगा। वर्तमान में कैंप लगाकर या फिर मोबाइल वैन के माध्यम से मैमोग्राफी कराई जा रही थी। लेकिन अब दून अस्पताल में हफ्ते में 3 दिन महिलाओं की जांच हो सकेगी।

Posted By: Inextlive