आपके मोबाइल फोन पर आने वाले कॉल और एसएमएस की जानकारी देने के लिए नोकिया वाइब्रेटिंग मैग्नेटिक टैटू का इस्तेमाल कर सकता है.

फिनलैंड की इस कंपनी ने यूएस पेटेंट और ट्रेडमार्क ऑफिस में इसके पंजीकरण के लिए आवेदन किया है। इस आवेदन के अनुसार उपयोगकर्ता की त्वचा पर 'लौहचुंबकीय' पदार्थ से बना एक टैटू या तो चिपका दिया जाएगा या फिर स्प्रे कर दिया जाएगा और फिर इस टैटू को मोबाइल से जोड़ दिया जाएगा।

कंपनी का ये भी कहना है कि वो अलग-अलग तरह के एसएमएस अलर्ट देने के लिए अलग-अलग किस्म के वाइब्रेशन भी इस्तेमाल कर सकता है। नोकिया ने अपनी इस तकनीक को पेटेंट कराने के लिए पिछले हफ्ते ही आवेदन किया है जिसे कैम्ब्रिज के जोरान राडिवोजेविक ने तैयार किया है।

कई सूचनाएँइस तकनीक में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की भुजा, पेट के आसपास, उंगली या उंगली के नाखून के साथ एक खास तरह की चुम्बकीय वस्तु लगाई जा सकती है।

ये आपको बता देगी कि मोबाइल की बैटरी डाउन है, कोई एसएमएस या कॉल आया है, आपका प्रोफाइल क्या है, समय कितना हुआ और आप किस टाइम जोन में है।

आपके मोबाइल फोन पर आने वाले कॉल और एसएमएस की जानकारी देने के लिए नोकिया 'वाइब्रेटिंग मैग्नेटिक टैटू' का इस्तेमाल कर सकता है। इस तकनीक में चुम्बकीय क्षेत्र की वजह से उइपभोक्ता को अलग-अलग तरह का वाइब्रेशन महसूस होगा।

इसका इस्तेमाल उपभोक्ता की पहचान करने में भी हो सकता है क्योंकि इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति इसमें अपना चुम्बकीय फिंगरप्रिंट भी बना सकता है।

पासवर्ड की जरूरत नहींइतना ही नहीं, ये आपके लिए एक पासवर्ड की तरह काम कर सकता है। ये वैसा ही है जैसे कुछ लैपटाप पहले ये जांचते हैं कि आप उसके अधिकृत इस्तेमालकर्ता हैं या नहीं।

वैसे नोकिया उन कंपनियों में सबसे आगे है जो ऐसी उन्नत तकनीकों पर काम कर रही है। हालांकि एचटीसी और सैमसंग ने ऐसे फोन बाजार में उतारे हैं जो कुछ टाइप करने या ग्राफिक्स संबंधी बटन दबाने पर हल्के से वाइब्रेट करते हैं।

उटा विश्वविद्यालय के इंजीनियर एक ऐसा ही वीडियो गेम बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिसका नियंत्रण खेलने वाले के अंगूठे में होता है जो हलचल का अहसास कराता है।

लीड्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने भी ट्यूमर का पता लगाने के लिए कुछ इसी तरह की तकनीक खोजी है जिसके जरिए कहीं दूर बैठा डॉक्टर भी आपके शरीर की जांच कर सकता है। लेकिन नोकिया ने ज्यादा आगे की बात सोची है।

रिसर्च फर्म पीएमएन के मारेक पाउलोवस्की ने बीबीसी को बताया, ''नोकिया की जो तकनीक होगी, उसमें टैटू की तरह लगाए जाने वाले चुम्बकीय निशान नजर नहीं आएंगे। पर मुझे लगता है कि जो लोग इसका इस्तेमाल करेंगे, वो इसके चिकित्सकीय असर को भी देखेंगे.''

नोकिया की एक प्रवक्ता से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि कंपनी इस बारे में आगे शोध करने का इरादा रखती है या नहीं।

Posted By: Inextlive