Allahabad: अब आपको शादी-बारात में शहनाई या फिर बैंड पर ही डांस करना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि बारात निकलने के दौरान डांस के सबसे फेवरेट टूल रोड डीजे को पुलिस ने पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है. मकसद लगातार प्राब्लमेटिक होते जा रहे न्वाइज पॉल्यूशन को कंट्रोल करना है. रोड डीजे के न्वाइज लेवल 110 डेसीबल होता है जबकि दिन के वक्त भी सिर्फ 75 डेसीबल तक की आवाज का साउंड ही बजाने की परमिशन है. इस नए आदेश के बाद बारात में डीजे पर डांस करने की हैबिट छोड़कर कुछ नया ट्राई कीजिए. क्योंकि जब आपको अपनी डांस की कला दिखाने का मौका मिलेगा तो डीजे वहां नहीं होएगा. एसएसपी मोहित अग्रवाल ने रोड डीजे बजाते मिलने वालों के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.


डेसीबल का खेल है बाबू

थर्सडे को पुलिस लाइंस में एसएसपी मोहित अग्रवाल ने लाउड स्पीकर, डीजे के ओनर्स के साथ मीटिंग की। मीटिंग में पुलिस ऑफिसर्स ने बताया कि 75 डेसीबल लेवल तक ही ध्वनि का यूज किया जा सकता है। अगर डेसीबल इससे ज्यादा हुआ तो फिर उसको कानूनी जुर्म माना जाएगा। इस नियम का रोड डीजे सबसे पहले इसलिए शिकार हुआ है क्योंकि डीजे का न्यूनतम डेसीबल लेवल ही 110 से शुरू होता है। इसीलिए इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है.

पूरे जिले से आए थे DJ owners

इलाहाबाद पुलिस ने सत्या फाउंडेशन, गैलेक्सी हॉस्पिटल के साथ न्वाइज पॉल्यूशन को कम करने के लिए यह प्रयास किया है। पुलिस लाइंस में आयोजित इस मीटिंग में जिले भर से पांच सौ से ज्यादा डीजे, लाउडस्पीकर व बैंड पार्टी के ओनर्स को कॉल किया गया था। इस अवेयरनेस प्रोग्राम का मकसद था कि सिटी में बढ़ते न्वाइज पॉल्यूशन के ग्राफ को कम किया जाए। सत्या फाउंडेशन के सचिव चेतन उपाध्याय ने कहा कि धर्म व परंपरा के नाम पर भी शोर शराबा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियम के मुताबिक ही सभी को लाउड स्पीकर व अन्य वाद्य यंत्र बजाने का अधिकार है.


रात 10 से सुबह छह बजे तक कुछ भी नहीं

ऑफिसर्स ने इस मौके पर बताया गया कि रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक तेज आवाज वाले सभी प्रकार के वाद्य यंत्रों को बजाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने शौक मसलन, रोमांटिक सांग को सुनते हुए सोना जैसी आदत ही खत्म कर लीजिए। बस, आपको किसी भी तरह का वाद्य यंत्र बजाने के दौरान इस बात का ध्यान रखना है कि वह आपके किसी पड़ोसी या किसी दूसरे को कोई टेंशन न दे। हालांकि यह नियम पहले से ही है लेकिन, शादी पार्टी के मौके पर आसपास की पब्लिक भी शिकायत को एवाइड करती थी.


समझौता पत्र भी किया गया जारी

डीजे, लाउडस्पीकर व बैंड पार्टी ओनर्स को इस मौके पर समझौता पत्र का एक सैंपल भी उपलब्ध कराया गया है। इसमें यह साफ है कि बुकिंग करते वक्त वह हर क्लाइंट से यह एग्रीमेंट करेंगे कि रात 10 के बाद वह कुछ नहीं बजाएंगे। इसमें एक और खास बात यह मेंशन है कि बारात लेट आती है या किसी अन्य कारण से लेट होती है तो फिर दूल्हे राजा दुल्हन के घर तक बिना बाजे के ही पहुंचेंगे और इसके नुकसान की भरपाई डीजे, बैंड पार्टी या लाउडस्पीकर ओनर्स नहीं करेंगे.


एक लाख के साथ पांच साल जेल

पुलिस के मुताबिक आईपीसी की धारा 290 व 291 के साथ ही पर्यावरण संरक्षण एक्ट 1986 के तहत इस नियम को प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले पर एक लाख रुपए जुर्माना के साथ पांच साल की कैद हो सकती है.


जेनरेटर पर भी लागू होगा नियम

एसएसपी ने कहा है कि बिना कैनोपी वाले कानफोड़ू जेनरेटर पर भी यहीं नियम लागू होता है। उन्होंने कहा कि थाना लेवल पर ही 15 दिन के भीतर इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। पांच किलोवाट के जेनरेटर को भी इस इस लिस्ट में शामिल किया गया है। क्योंकि इससे आने वाली आवाज लोगों को नुकसान पहुंचा रही है.


डेसीबल को लेकर होगा लोचा

रात दस बजे तक 75 डेसीबल तक वाइस फ्रिक्वेंसी वाले डीजे की परमिशन है। यूपी पुलिस के पास अन्य स्टेट की तरह डेसीबल नापने का यंत्र नहीं है। इसका फायदा डीजे ओनर्स उठा सकते हैं क्योंकि इसने बारात लगने के दौरान बजने वाले बैंड को रीप्लेस कर दिया है और इससे शादी-विवाह के दौरान बड़ा बिजनेस जेनरेट होता है। फिलहाल पुलिस को यह आप्शन दिया गया है कि वह स्वविवेक पर कार्रवाई करे। यहां डीजे ओनर्स वाइस फ्रिक्वेंसी कम करने के नाम पर खेल कर सकते हैं.

Posted By: Inextlive