उत्तर कोरिया के अधिकारियों का कहना है कि एक हफ्ते तक हिरासत में रखे जाने वाला ऑस्ट्रेलियाई छात्र देश में जासूसी कर रहा था। उन्होंने बताया कि देश विरोधी गतिविधियों में भी शामिल था।


सियोल (एपी)। उत्तर कोरिया में एक ऑस्ट्रलियाई छात्र को करीब एक हफ्ते तक हिरासत में रखा गया था लेकिन बाद में रिहा कर दिया गया। नॉर्थ कोरिया के अधिकारियों ने शनिवार को इस मामले में बात करते हुए कहा कि ऑस्ट्रलियाई छात्र उत्तर कोरिया में देश विरोधी काम कर रहा था और साथ ही वह उत्तर कोरिया के खिलाफ काम करने वाली पत्रिकाओं को तस्वीरें और अन्य सामग्री प्रदान करके देश के लिए जासूसी का काम करता था। प्योंगयांग की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी या केसीएनए ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई छात्र एलेक सिगले को उत्तर कोरियाई अधिकारीयों ने गुरुवार को वापस उसके देश भेज दिया और सिगले ने वापस जाने से पहले अपनी गतिविधि के लिए मांफी भी मांगी थी। ट्रंप बोले, उत्तर कोरिया में रखा पांव तो कई कोरियाई लोगों के छलके आंसू25 जून से गायब हुआ था सिगले
सिगले गुरुवार को टोकियो पहुंचा और पत्रकारों से कहा कि वह 'ठीक' है। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि उत्तर कोरिया में उसके साथ क्या क्या हुआ। बता दें कि सिगले प्योंगयांग यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा था और वह परिवार और दोस्तों के साथ सोशल मीडिया संपर्क से गायब होने से पहले उत्तर कोरिया में गाइड का काम कर रहा था। एलेक सिगले 25 जून से प्योंगयांग में लापता हो गया था। इस मामले पर उत्तर कोरियाई अधिकारियों और एक स्वीडन के राजदूत के बीच सिगले की रिहाई को लेकर बातचीत के कई दौर हुए। सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाला सिगले उत्तर कोरिया से हर दिन फोटो व ब्लॉग पोस्ट करता था। इसलिए सोशल मीडिया अकाउंट से गायब होते ही तुरंत उसकी गुमशुदगी ने लोगों का ध्यान खींच लिया।

Posted By: Mukul Kumar