सफाई में अव्वल पर दिखता नहीं..
स्वच्छता सर्वेक्षण में मेरठ कैंट को मिला है पहला स्थान
स्वच्छता सर्वेक्षण बीतने के बाद फिर दिखे गंदगी के ढेर कैंट में सफाई अभियान में दिखी लापरवाही, ध्यान नहीं दे रहे जिम्मेदार Meerut। देश के तकरीबन 62 कैंट में स्वच्छता सर्वेक्षण में मेरठ कैंट ने पहला स्थान हासिल किया है। दरअसल, स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में अच्छी रैंक हासिल करने के लिए कैंट बोर्ड के आधिकारियों ने साफ-सफाई के लिए कई विशेष अभियान भी चलाए थे। जिसका असर यह रहा कि मेरठ कैंट ने देशभर में अपना परचम फहराया है, लेकिन हालत यह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण बीतने के बाद कैंट क्षेत्र में गंदगी के ढेर फिर दिखने लगे हैं। बीते दिनों आई थी टीममेरठ कैंट में बीते दिनों स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए टीम आई थी। टीम ने कैंट में साफ-सफाई का निरीक्षण भी किया था साथ ही पब्लिक से फीडबैक भी लिया था, जिससे मेरठ कैंट को सबसे ज्यादा नंबर हासिल हुए थे। लेकिन कुछ दिन बीतने के बाद स्थिति जस की तस हो गई है।
हालत फिर पहले जैसीहालांकि, स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान कैंट के कई इलाकों में सफाई अभियान चलाकर गलियों और मोहल्लों को चमकाया गया था, लेकिन अब फिर स्थिति पहले जैसी ही हो गई है। हालत यह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण खत्म होने के बाद अब साफ-सफाई पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण कैंट में गंदगी के ढेर फिर से देखे जा रहे हैं।
ये थी खास पहल कैंट बोर्ड ने प्लास्टिक से पर्यावरण को बचाने के लिये कैंट बोर्ड के इंजीनियर्स ने हल निकाला था। पॉलिथीन और ईंट-पत्थर के कूड़े से उन्होंने टाइल्स बनाने का काम शुरू किया गया था। कैंट बोर्ड ने इनकी लैब में टेस्टिंग भी कराई थी। इन टाइल्स को पॉलिथीन और घर से निकलने वाले ईंट-पत्थर के वेस्ट के साथ स्टोन डस्ट मिक्स करके तैयार किया गया था। इससे प्लास्टिक से बनी टाइल्स से सड़क बनाई गई थी । वर्जन सफाई कर्मियों को अब भी दो समय सफाई करने के आदेश हैं। साथ ही जहां पर भी कूड़े का ढेर है। जल्द ही उन जगहों की सफाई कराके उन्हें व्यवस्थित किया जाएगा। अनुज सिंह, सीईई कैंट बोर्ड कोट्स सर्वेक्षण के दौरान तो अधिकारी भी रोज चक्कर लगते थे, परंतु उसके बाद कोई भी नही आया है। अब सफाई कर्मी भी कई कई दिन बाद आते हैं जिससे गंदगी फैल रही है। जसमीत सिंहगंदगी के कारण अब तो निकाला मुश्किल हो गया है। कई दिन तक घरों में भी कूड़े का ढेर जमा हो जाता है। स्वच्छता सर्वेक्षण के बाद अभियान में लापरवाही बरती जा रही है।
सतीश