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जिले के आंकड़े

820

कुल शराब की दुकान

190

बियर की दुकानों का ठेका

199

अंगे्रजी शराब की दुकान

431

देशी दारू की दुकान

12

मॉडल शॉप शहर के अंदर

-जिले में मद्यनिषेध जागरूकता कार्यक्रम का बजट है मात्र एक हजार रुपए

-हर साल करोड़ों की शराब बेचने वाले आबकारी विभाग की मंशा में खोट

mukesh.chaturvedi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: इसे विडंबना कहें या लोगों की सेहत को लेकर जिम्मेदारों की उपेक्षा. करोड़ों रुपए की शराब बेचने वाले विभाग के पास मद्यनिषेध के तहत मात्र एक हजार रुपए का बजट है. इतने बड़े जिले में शराब छुड़वाने की मुहिम चलाने के लिए यह बजट ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. यह स्थिति आश्चर्यजनक और हास्यास्पद भी है. इस एक हजार रुपए के बजट से लोगों को विभाग कैसे और कितना जागरूक कर रहा है, यह बात आप खुद समझ सकते हैं.

पूरा कर रहे जागरूकता का कोरम

मद्यनिषेध के इस बजट को देखते हुए यह कहना गलत न होगा कि शराब छोड़ने व छुड़वाने को लेकर सरकार की मंशा में ही खोट है. मद्यनिषेध का यह बजट ऐसी स्थिति में है, जब आबकारी विभाग प्रति वर्ष जनपद के अंदर करोड़ों रुपए की शराब बेच रहे हैं. शराब बेचने के लिए जिले के अंदर बाकायदा करीब 820 दुकानें एलॉट की गई हैं. इनमें 190 दुकान अकेले बियर की हैं. जबकि अंग्रेजी शराब की, 199 और देशी दारू की 431 दुकानें हैं. इसके अतिरिक्त 12 मॉडल शॉप भी संचालित हैं. यह सभी मॉडल शॉप शहर के अंदर हैं. यहां पीने-पिलाने का पूरा इंतजाम है.

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प्रावधान------------रियलिटी

स्टाक और रेट बोर्ड लगाना अनिवार्य.- 80 प्रतिशत दुकानों पर नहीं.

शराब पीकर गाड़ी चलाना गुनाह है का बोर्ड.- जिले के 90 प्रतिशत दुकानों पर नहीं.

स्टॉक और सेल रजिस्टर - ज्यादातर दुकानों पर दोनों रजिस्टर नदारद

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700 करोड़ की शराब गटक गए लोग

आबकारी विभाग का एक और चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. रिकार्ड पर गौर करें तो एक साल में लोग 700 करोड़ से अधिक की शराब पी गए. लोगों का कहना है कि यह स्थिति जनजागरूकता के अभाव में है. विभाग राजस्व की चाह में लोगों को शराब छोड़ने के लिए अवेयर नहीं कर पा रहा. वहीं लोग खुद से छोड़ने के बजाय शराब में डूबते जा रहे हैं.

वर्जन

मद्यनिषेध का बजट अभी तक एक हजार रुपए ही है. इस बार बजट में बढ़ोत्तरी किए जाने पर विभाग विचार कर रहा है. रही बात जागरूकता की तो हर बोतल पर शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लिखा रहता है. दुकानों के स्टॉक और वहां लगे बोर्ड की चेकिंग का प्लान बनाया जा रहा है. जल्द ही अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी.

-संदीप बिहारी मोडवेल,

जिला आबकारी अधिकारी

Posted By: Vijay Pandey