वीआईपी नंबर की ऑनलाइन बिडिंग में 49 आवेदकों का अटका पैसा

रजिस्ट्रेशन फीस जमा होने के बाद भी पूरी नही हो सकी नीलामी, अब हो रही परेशानी

Meerut . वीआईपी नंबर के शौकिनों के लिए परिवहन विभाग द्वारा दो माह पहले शुरु की गई वीआईपी नंबर की नीलामी प्रक्रिया घाटे का सौदा साबित हो रही है. पहले तो इस प्रक्रिया के चलते अधिकतम 15 हजार रुपए तक मिलने वाले वीआईपी नंबर का दाम अब आसमान छूने लगा है, वहीं प्रक्रिया लंबी होने के कारण लोगों का पैसा जमा होने के बाद अब वापस मिलने में भी परेशानी हो रही है. हालत यह है कि पहली नीलामी को डेढ़ माह से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन रजिस्ट्रेशन के बाद फाइनल बोली लगाने वालों को न तो नंबर मिला है और न ही पैसा वापस मिला है.

अनसक्सेसफुल बिडर

परिवहन विभाग ने मेरठ में 18 मार्च को वीआईपी नंबर की ऑनलाइन नीलामी शुरू की थी. इस नीलामी प्रक्रिया के तहत 400 से अधिक आवेदकों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, जिनमें से 347 से अधिक आवेदकों ने अपने पसंद के नंबर को बोली लगाकर खरीद लिया था. इनमें से 49 आवेदक ऐसे रहे जिनके नाम पर नंबर तो फाइनल हो गया लेकिन उनको न तो नंबर अभी तक मिल सका और नाही उनका रजिस्ट्रेशन शुल्क वापस मिल रहा है.

अधर में प्रक्रिया

दरअसल ऑनलाइन नीलामी के लिए अपने पसंदीदा नंबर को रजिस्टर्ड करने वाले आवेदक को नंबर की कीमत का एक तिहाई जमा करना पड़ता है. नंबर की फाइनल नीलामी होने के बाद नंबर का पूरा पेमेंट सबसे अधिक बोली लगाने वाले आवेदक से ऑनलाइन प्राप्त कर विभाग आवेदक को अलॉट कर देता है. लेकिन फाइनल बोली के बाद भी कई आवेदकों का पूरा पेमेंट विभाग के खाते में नही पहुंच रहा है ऐसे में विभाग ने इंतजार करने के बाद ऐसे आवेदकों को अनसक्सेसफुल बिडर की सूची में डाल दिया है. अब आवेदक अपने नंबर या पैसा दोनो के लिए विभाग के चक्कर लगा रहे हैं.

यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है कई बार बैंक ट्रांजेक्शन किसी कारण से बीच में कैंसिल हो जाता है. कई बार देरी से पहुंचता है. ऐसे में जिन आवेदकों को रजिस्ट्रेशन शुल्क नही मिला है या नंबर अलॉट नही हो पा रहा है वह दोबारा अप्लाई कर सकते उनका पैसा एडजस्ट हो जाएगा.

- सीएल निगम, आरआई

Posted By: Lekhchand Singh