- निगम बोर्ड बैठक में 90 में से पहुंचे केवल 42 पार्षद

- दो घंटे के इंतजार के बाद भी कोरम रहा अधूरा

- नहीं रखा गया सफाई कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का प्रस्ताव

- आजम खां का पुतला फूंकने पर नाराज हैं सपा पार्षद

Meerut: एक ओर जहां शहर कूड़े से अटा पड़ा है, वहीं हमारे पार्षद में शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर बिल्कुल भी संजीदा नहीं है। सोमवार को नगर निगम की बोर्ड बैठक में यह सच सामने आया। सफाई कर्मचारियों के वेतन वृद्धि को लेकर बुलाई गई बोर्ड बैठक में 90 में से केवल ब्ख् पार्षद ही पहुंच पाए। दो घंटे के इंतजार के बाद भी जब कोरम पूरा नहीं हुआ तो मेयर ने बैठक को स्थगित कर दिया।

विलंब से पहुंचे मेयर

नगर निगम सफाई कर्मियों की हड़ताल और शहर में गंदगी के तांडव को ध्यान में रखते हुए मेयर हरिकांत अहलूवालिया और नगर आयुक्त एसके दुबे ने सोमवार को बोर्ड बैठक बुलाई थी। सुबह ग्यारह बजे से बैठक शुरू होनी थी, जबकि खुद मेयर पौने बारह बजे पहुंचे। हालांकि नगर आयुक्त और निगम की टीम समय से ही पहुंच गए थे, लेकिन मेयर के पहुंचने तक बैठक का आगाज नहीं किया जा सका।

गैर-जिम्मेदार प्रतिनिधि

शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर हमारे प्रतिनिधि कितने गंभीर हैं, इसका खुलासा बोर्ड बैठक में हो गया। असल में हड़ताल और शहर में उठ रही दुर्गध को लेकर सोमवार को होने वाली बोर्ड बैठक की सूचना चार दिन पूर्व ही जारी की गई थी। बावजूद हमारे पार्षदों ने बोर्ड बैठक में पहुंचना मुनासिब नहीं समझा। बोर्ड बैठक में 90 में से ब्ख् पार्षद ही पहुंच पाए। पार्षदों का उदासीनता का यह आलम तो तब है जब शहर में सफाई कर्मचारी गंदगी का खुला तांडव कर रहे हैं।

एक बजे हुई बैठक शुरू

दोपहर एक बजे तक भी जब बैठक की शुरूआत नहीं की गई तो मनोनित पार्षद अफजाल सैफी ने मेयर से बैठक शुरू करने की गुजारिश की। पार्षद अफजाल ने कहा कि दो घंटे के बाद भी कोरम खाली पड़ा है। लिहाजा बैठक को स्थगित कर दो दिन बाद अगली बैठक बुलाई जाए। इस पर मेयर ने बैठक शुरू करने का इशारा करते हुए राष्ट्र गीत शुरू कराया।

कोरम रहा अधूरा

बोर्ड बैठक का समय क्क् बजे रखा गया था, बावजूद इसके बारह बजे तक केवल क्0-क्ख् पार्षद ही पहुंच पाए। इसके बाद से एक घंटा एक-एक पार्षद के इंतजार में कटा। लेकिन जब एक एक बजे तक भी कोरम पूरा करने के लिए ब्म् पार्षद नहीं पहुंचे, तो मेयर को बैठक स्थगित करनी पड़ी। बैठक में ब्म् के सापेक्ष ब्ख् पार्षद ही शुमार हो पाए।

नहीं पहुंचे सपा पार्षद

नगर निगम बोर्ड बैठक से सपा पार्षदों ने दूरी बनाकर रखी। नगर निगम में समाजवादी पार्टी के फ्ख् पार्षद हैं, जिनमें से केवल वार्ड -ख् की पार्षद आंचल राहुल ही पहुंची। सपा पार्षदों का कहना है कि एक ओर तो संविदा सफाई कर्मचारी उनके नेता आजम खां का पुतला फूंक रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी पार्टी के नेताओं को ज्ञापन सौंप कर मदद की गुहार भी लगा रहे हैं।

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हड़ताल जारी रखने का ऐलान

नगर निगम की बोर्ड बैठक से राहत की उम्मीद लगाए बैठे संविदा सफाई कर्मचारियों में बैठक स्थगित होने से रोष दिखाई दिया। सुबह क्क् बजे से सफाई कर्मचारी बोर्ड बैठक की पल-पल की खबरों पर कान लगाए थे, लेकिन एक बजते ही जैसे बोर्ड बैठक स्थगित होने की सूचना मिली तो उनमें विरोध के स्वर दिखाई पड़े। इसके साथ सफाई कर्मचारियों ने भी मांगें पूरी न होने तक हड़ताल जारी रखने का एलान कर दिया।

पार्षदों ने लगाई सुरक्षा की गुहार

नगर निगम सफाई कर्मियों के आक्रोश को देखते हुए अब पार्षदों को डर सताने लगा है। बोर्ड बैठक में भी पार्षदों ने मेयर के समक्ष सुरक्षा की गुहार लगाई। नामित पार्षद अफजाल सैफी और पंकज कतीरा ने सदन में कहा कि सफाई कर्मचारी जिस प्रकार से रोड शो करके पार्षदों के घरों पर धावा बोल रहे हैं, उससे पार्षदों विशेषकर महिला पार्षदों में असुरक्षा की भावना है। पार्षदों ने मांग रखी कि सफाई कर्मियों की समस्या से गंभीरता से विचार करते हुए किसी तरह से हड़ताल को वापस कराया जाए। इस पर मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने सहमती जताते हुए हड़ताल वापसी के लिए कर्मचारियों से बात करने का भरोसा दिलाया।

पहले भी पास हो चुका है प्रस्ताव

संविदा सफाई कर्मियों की वेतन वृद्धि वाला जो मुद्दा सोमवार को बोर्ड बैठक में रखा जाना था। असल में वह प्रस्ताव छह माह पूर्व ही बोर्ड से पास होकर शासन को भेजा जा चुका है। पार्षद गौरव ने सदन में सवाल उठाया कि ख्ख् सितंबर ख्0क्ब् को सफाई कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का जो प्रस्ताव पास कर शासन को भेजा था। शासन से उसका अभी तक कोई जवाब आया है या नहीं। इस पर नगर आयुक्त एसके दुबे ने जवाब देते हुए सदन को अवगत कराया कि शासन से अभी तक उस प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है।

मेयर से मांगा इस्तीफा

समाजवादी पार्टी के पार्षदों का कहना है कि मेयर सदन में दो बार विश्वास मत खो चुके हैं। इसलिए नैतिकता के आधार पर मेयर को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। सपा पार्षद दल के नेता शाहिद अब्बासी का कहना है कि पिछली बोर्ड बैठक में बजट पास करने के लिए जहां चार घंटे बाद भी कोरम अधूरा रहने के चलते मेयर को बोर्ड बैठक एक दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके अलावा सोमवार को भी कोरम अधूरा रहने से बैठक को स्थगित करना पड़ा। इसका साफ मतलब यह है कि अब मेयर सदन में अपना विश्वास मत खो चुके हैं। यदि वह खुद इस्तीफा नहीं देते तो उनके खिलाफ अविश्वास लाया जाएगा।

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कोरम पूरा न होने की वजह से प्रस्ताव पास नहीं हो सका। इसके साथ बोर्ड बैठक को भी स्थगित करना पड़ा। मंगलवार को बोर्ड बैठक दोबारा बुलाई गई है।

-हरिकांत अहलूवालिया, मेयर

संविदा सफाई कर्मचारियों के हक में पहले भी बोर्ड ने प्रस्ताव पास कर शासन को भेजा था। अभी तक शासन ने उस पर कोई जवाब नहीं भेजा है।

-एसके दुबे, नगर आयुक्त मेरठ

जब तक मांग पूरी नहीं होगी, तब तक हड़ताल वापसी का कोई सवाल नहीं बनता। डीएम से वायदे के मुताबिक बोर्ड बैठक के दौरान हड़ताल नहीं की जाएगी।

-कैलाश चंदौला, महामंत्री सफाई मजदूर संघ

सदन में मेयर अल्पमत में आ चुके हैं। इसका उदाहरण दो बार बोर्ड बैठकों को स्थगित करना है। मेयर को अब नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

-शाहिद अब्बासी, नेता सपा पार्षद दल

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फोटो : ख्00

'माफी मांगे, शहर साफ करें'

मेरठ : बोर्ड बैठक का बहिष्कार करने वाले सपा, भाजपा तथा तीसरा मोर्चा पार्षद दल समेत सर्वदलीय पार्षदों ने उसी दौरान चिकारा कांप्लेक्स स्थित केबल वैलफेयर एसोसिएशन के ऑफिस में प्रमोद खड़ौली की अध्यक्षता में बैठक की। बैठक में परमानंद, शरीफ खां दीवानजी, पुष्पा सिंह, दिनेश कुमार, अरशदउल्ला खां, गीता, ओमवती, रीता सिंह, सईद, डा। इरफान, नवाब, नरेश, ओमबीरी समेत विभिन्न पार्षदों ने कहा कि सफाई कर्मियों ने जिस प्रकार शहर में गंदगी फैलाई, मरे जानवरों को डालकर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया है। वह निंदनीय है। पहले सफाई कर्मी बिना शर्त हड़ताल वापस लेकर शहर की सफाई शुरू करें। जिन पार्षदों के घर पर कूड़ा डाला है, उनसे माफी मांगे। इसके बाद ही उनकी मांगो पर विचार किया जाएगा। भाजपा के व्हिप जारी होने के बावजूद दो पार्षद रीता सिंह व ओमवीरी बोर्ड बैठक में नहीं गई। उक्त पार्षदों के पति तथा पुत्र विरोधी पार्षदों की बैठक में जरूर मौजूद रहे। तीसरी पार्षद रश्मि तेवतिया ने बताया कि वे सफाई कर्मियों की हड़ताल के तरीके, हठधर्मिता से नाराज हैं।

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जनहित याचिका दाखिल, नोटिस जारी

मेरठ : शहर में सफाई और कूड़ा निस्तारण न होने से जनता के स्वास्थ्य पर खड़े हुए संकट को मुद्दा बनाकर आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। संविधान के अनुच्छेद ख्म् के तहत जनता की प्राण रक्षा के लिए आपातकालीन याचिका को मंगलवार को सीधे मुख्य न्यायाधीश के सामने पेश किया जाएगा। माना जा रहा है कि कोर्ट इस मामले में गंभीरता से निर्णय लेगी। प्रदेश के मुख्य सचिव समेत आठ अधिकारियों को इस संबंध में नोटिस जारी किए गए हैं। अधिवक्ता गौरव मेहता व प्रदीप सिसोदिया ने बताया कि संविधान के आर्टीकल ख्म् का हवाला देते हुए जनता की प्राण रक्षा तथा मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए यह याचिका अनुच्छेद ख्म् के तहत मुक्य न्यायाधीश के सामने पेश की जाएगी। जिसमें मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव नगर विकास, कमिश्नर, डीएम, नगर आयुक्त, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी समेत आठ अधिकारियों को पार्टी बनाया गया है। मंगलवार को इस मामले में कोर्ट से शहर की जनता के हित में आदेश जारी होने की उम्मीद की जा रही है।

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बोर्ड बैठक में ये पार्षद रहे मौजूद

भाजपा फ्फ्

कांग्रेस 0क्

सपा 0क्

सपा मनोनीत 07

कुल उपस्थिति ब्ख्

Posted By: Inextlive