Meerut : हैदराबाद के सीरियल बम ब्लास्ट के बाद देश भर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. शुक्रवार को मेरठ शहर के कई इलाके में साइकिल पर टिफिन लेकर घूमते एक शख्स को देखा गया. आई नेक्स्ट का हाई अलर्ट का असर जांचने के लिए रियालिटी चेक किया. पढि़ए हम अपनी सर्तकता को लेकर कितने पानी में हैं...


कचहरी - 12:30बजेआई नेक्स्ट रिपोर्टर साइकिल पर टिफिन लटकाये पहले पहुंचा कचहरी गेट पर। हनुमान मंदिर वाले गेट से भीतर घुसते ही सेशन हवालात के सामने हमेशा पब्लिक की भीड़ लगी रहती है। सामने ही वकीलों के चेंबर भी बने हुए हैं। यहां हमारी साइकिल, जिस पर टिफिन लटका था। पुलिस भी पास में मौजूद थी। लेकिन किसी ने ना तो साइकिल पर टंगे टिफिन के बारे में पूछा और ना रोका-टोका ही। मदन मोहन मालवीय गेट पर भी टिफिन वाली साइकिल खड़ी रही। किसी पुलिस वाले ने भी इस बारे में सवाल पूछना जरूरी समझा।आबू लेन - 1:15 बजे


कचहरी के बाद हम शहर के दिल, आबू लेन मार्केट पहुंचे। बताने की जरूरत नहीं है कि यहां बड़े-बड़े व्यापारियों की दुकाने हैं। मल्टी नेशनल कंपनियों के शोरूम हैं। यहां भी एक नामी होटल के सामने कारों के बीच में हमारी साइकिल बीस मिनटों तक टिफिन के साथ रही। लेकिन आते जाते किसी भी मुसाफिर ने या पार्किंग वाले ने ये पूछने की जहमत नहीं उठाई कि यहां साइकिल क्यों खड़ी? टिफिन लटके होने पर ही किसी ने ध्यान नहीं दिया? ये हाल तब है, जब हैदराबाद धमाकों को 20 घंटे भी पूरे नहीं हुए थे।दिल्ली बस स्टैंड - 1:50 बजे

आबू लेन के बाद हम शहर के दिल्ली से जोडऩे वाले दिल्ली बस अड्डे पहुंचे। यहां पर इंक्वायरी काउंटर के पास, बैंच पर जहां हमेशा पैसेंजर्स की भीड़ रहती है, हमने साइकिल खड़ी कर दी। हम साइकिल खड़ी करके फोन पर बात करते हुए दूर चले गए। आस-पास काफी भीड़ थी। लेकिन किसी ने भी ये जानने का प्रयास नहीं किया कि साइकिल को छोड़ कर हम दूर क्यों जा रहे हैं। यहां भी साइकिल करीब बीस मिनट रही। इसके बाद हमने बस स्टैंड के गेट के पास जहां पुलिस भी रहती है। वहां भी काफी देर साइकिल खड़ी रखी पर पुलिस वालों ने भी लावारिस साइकिल और टिफिन पर कोई एक्शन नहीं लिया।अप्सरा सिनेमा हॉल - 2:25 बजेदिल्ली बस स्टैंड के बाद हम जिला अस्पताल के सामने अप्सरा सिनेमा पहुंचे। यहां पर भी शो टाइमिंग में भीड़ रहती है। बिना शो टाइम के भी इस इलाके में पब्लिक की काफी आवाजाही रहती है। यहां भी साइकिल बीस मिनट रही। कुछ लोगों ने साइकिल को देखा जरूर, पर साइकिल सवार से यहां भी कोई पूछताछ नहीं हुई।रेलवे स्टेशन - 3:50 बजे

सिटी रेलवे स्टेशन। ये ऐसा इलाका है जो हमेशा संवेदनशील बना रहता है। बाकायदा यहां पर दो पुलिस स्टेशन हैं। सिपाही दिन में भी गश्त करते रहते हैं। यहां पर हमारी साइकिल पार्सल ऑफिस की तरफ से दाखिल हुई। यहां से होते हुए प्लेटफार्म नंबर वन का पूरा राउडं मारा और थाने के पास और टिकट काउंटर के पास करीब आधा घंटा खड़ी रही। लेकिन यहां भी शहर के बाकी इलाकों की तरह ही किसी को कुछ पूछने की फुरसत नहीं मिली। शायद लोग झिझक रहे थे। सोचा होगा कि जब दूसरे लोग नहीं पूछ रहे हैं तो फिर मैं ही क्यों पंगा लूं।शारदा रोड- शाम 7.00 बजे शुक्रवार को शारदा पैठ लगती है। काफी भीड़ होती है। कई बार पैर रखने की जगह नहीं होती। यहां कोई घटना हो जाए तो काफी जान माल की हानि हो सकती है। शाम को सात बजे यहां एक बाइक पर टिफिन टांग दी गई। काफी देर टिफिन लटकी रही लेकिन किसी ने टोकना जरूरी नहीं समझा और न किसी ने पुलिस को ही शिकायत की।
'इस घटना के बाद पूरे शहर में चेकिंग कराई गई है। मॉल, सिनेमा हॉल, मार्केट, रेवले स्टेशन और बस अड्डों पर चेकिंग कराई गई। यह चेकिंग एक सप्ताह लगातार चलेगी। जो भी प्रिवेंटिव है उसकी चेकिंग की जाएगी। सभी लोगों के टिफिन की चेकिंग नहीं होती। अगर कहीं संदिग्ध टिफिन या कोई ऐसी वस्तु दिखाई देगी उसकी चेकिंग की जाएगी.'- दीपक कुमार, एसएसपी

Posted By: Inextlive