छुटभय्या नेता पर भारी पड़ा है नोटा
-उपचुनाव में सिर्फ बीजेपी छोड़ सबकी जमानत हुई थी जब्त
-नेताओं से ज्यादा नोटा को मिले थे गोरखपुर में वोट-इस बार भी मनमाफिक कैंडिडेट न मिलने से पशोपेश में वोटर्सGORAKHPUR: चुनावी शोर इस वक्त देश में चारों ओर हैं. पॉलिटिकल पार्टीज में दम आजमाने की जद्दोजहद में जुटी हैं. इस बार लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने पर भी सभी पार्टीज का जोर है. शायद यही वजह है कि अब गोरखपुर में बीजेपी और कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टी को सही कैंडिडेट्स चुनने के लिए मंथन करने में काफी वक्त लग रहा है. ऐसा इसलिए भी है कि लोकसभा उपचुनाव में छुटभय्या नेताओं पर नोटा की चोट भारी पड़ी थी. इसमें 10 कैंडिडेट्स ने चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई, जिसमें से 7 कैंडिडेट्स को नोटा से भी कम वोट मिले. इसमें सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के कैंडिडेट्स की जमानत बची थी, जबकि सपा ने जीत दर्ज की थी.आठ हजार से ज्यादा ने दबाया था नोटा
लोकसभा उप चुनाव में जमकर नोटा बरसा. पोलिंग बूथ्स तक पहुंचने के बाद भी वोटर्स ने सभी कैंडिडेट्स को रिजेक्ट करते हुए नन ऑफ द अबव का ऑप्शन चुना. कैंडिडेट्स के ढेरों ऑप्शन होने के बाद भी वोटर्स को वह लुभा नहीं सके और उन्होंने सभी कैंडिडेट्स को एक सिरे से नकार दिया. करीब आठ हजार से ज्यादा वोटर्स ने नोटा ऑप्शन चुनाव और सरकार के खिलाफ अपना प्रतीकात्मक विरोध जताया. नोटा से सबसे करीब रहने वाले कैंडिडेट सरवन कुमार निषाद रहे, जिन्हें 3253 वोट मिला. इसके अलावा कोई भी कैंडिडेट्स इसके करीब नहीं फटक सका.
स्टैटिक्सटोटल इलेक्टर्स - 1952551टोटल वैलिड वोट पोल - 934056नोटा - 8326टोटल रिजेक्टेड वाेट - 121 किसे मिले िकतने वोटउपेंद्र शुक्ला, बीजेपी - 434632प्रवीण कुमार निषाद, सपा - 456513डॉ. सुरहिता करीम, कांग्रेस - 18858अवधेष निषाद, बहुजन मुक्ति पार्टी - 2829गिरीश नारायण पांडेय, सर्वोदय भारत पार्टी - 1679नरेंद्र कुमार महंता, निर्दल - 1719मालती देवी, निर्दल - 2424राधेश्याम सेहरा, निर्दल - 2003विजय कुमार राय, निर्दल - 1820सरवन कुमार निषाद, निर्दल - 3253