Allahabad: टेंशन मत लीजिए. आराम से सोइए. अब सुबह जल्दी उठकर कूड़ा की बाल्टी चौराहे पर फेंकने की झंझट से छुटकारा मिल गया है. फ्राइडे से एक बार फिर आपको सीटी सुनाई देगी. डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट करने वाली कंपनी एडब्ल्यूपी काम के लिए एक बार फिर से राजी हो गई है...

 


लखनऊ में हुई मीटिंग
नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन और एडब्ल्यूपी में चल रही तनातनी पर वेडनसडे को लखनऊ में हुई मीटिंग में फुल स्टाप लग गया है। फिलहाल, करीब एक महीने से गंदगी और जगह-जगह कूड़े के ढेर से परेशान इलाहाबादियों को अब फेस्टिव सीजन में तो राहत मिल ही गई है। वेडनसडे को लखनऊ में हुई मीटिंग में विशेष सचिव नगर विकास, निदेशक स्थानीय निकाय, नगर आयुक्त सहित, एडब्ल्यूपी के प्रोजेक्ट हेड ललित विजय सहित कई सीनियर ऑफिसर्स मौजूद रहे. 

राहत की फुलझड़ी तो जल ही गई
निगम ऑफिसर्स ने बताया कि अभी मामला पूरी तरह से सुल्टा नहीं है। लेकिन इलाहाबादी पब्लिक के लिए तो यह राहत की फुलझड़ी के समान ही है। दरअसल, हुआ यह है कि नगर निगम और एडब्ल्यूपी का अलग-अलग कहना है। नगर निगम कह रहा है कि हमको छह करोड़ ही देना है, जबकि एडब्ल्यूपी का तर्क कुछ और है। ऐसे में लखनऊ मीटिंग में सीनियर ऑफिसर्स ने नगर निगम को कहा है कि जितनी भी राशि आपको देनी है उसका पचास प्रतिशत तुरंत दे दीजिए। बाकी 15 दिन के अंदर बात करके जितने पैसे पर भी सहमति बने उसको पार्ट पेमेंट के थू्र दिया जाए।

अब नगर निगम करेगा वसूली
एक बड़ा चेंज और लखनऊ मीटिंग में हुआ है। वह यह है कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का पब्लिक से शुल्क एडब्ल्यूपी कंपनी द्वारा नहीं बल्कि नगर निगम द्वारा किया जाएगा। कंपनी द्वारा लगातार इस बात की शिकायत की जा रही थी पब्लिक द्वारा प्रापर तरीके से कूड़ा कलेक्शन का चार्ज नहीं दिया जा रहा है। जिससे कंपनी को नुकसान हो रहा है। ऐसे में यह जिम्मेदारी अब नगर निगम को सौंप दी गई है। नगर निगम की टीम अब घरों से शुल्क वसूलेगी और इकट्ठा करके एडब्ल्यूपी कंपनी को देगी।


कसमकश में था नगर निगम

एडब्ल्यूपी के हाथ खींचने के बाद नगर निगम की हालत खराब हो गई थी। एडब्ल्यूपी के जिम्मेदारी संभालने के बाद नगर निगम ने सफाई व्यवस्था से पूरी तरह से हाथ खींच लिए थे। ऐसे में एकाएक एडब्ल्यूपी के काम बंद करने के बाद नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन इस बात को समझ ही नहीं पा रहा था कि क्या किया जाए? क्या न किया जाए? वह बार-बार एडब्ल्यूपी से मनुहार कर रहा था, लेकिन एडब्ल्यूपी मानने को तैयार नहीं थी। लेकिन शासन के इनवाल्वमेंट से एडब्ल्यूपी फिर से काम करने को राजी हो गई है।

Posted By: Inextlive