GORAKHPUR: देश से 2025 तक टीबी के सफाए के लिए सरकार बेहद गंभीर है। जल्द ही सरकार डॉक्टर्स के लिए एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) टीबी की ट्रेनिंग अनिवार्य करने जा रही है। ये ट्रेनिंग जिन डॉक्टर्स ने नहीं ली होगी, उनके पर्चे पर टीबी की दवाएं नहीं मिलेंगी। इसके पीछे सरकार की मंशा टीबी मरीजों के बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी है। इसलिए एमडीआर ट्रेनिंग के जरिए डॉक्टर्स को मरीजों के उचित इलाज की मुकम्मल जानकारी दी जाएगी। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि कई बार टीबी मरीज को डॉक्टर दवा तो सही देते हैं, लेकिन वह ठीक नहीं होता। अगर टीबी मरीज काो दवा की डोज कम दी जाए तो वह एमडीआर मरीज में तब्दील हो जाता है। ऐसे में मरीज का इलाज मुश्किल हो जाता है। दवा की डोज ज्यादा होने पर मरीज को कई तरह के साइडइफेक्ट झेलने पड़ते हैं। ऐसे में सरकार ने डॉक्टर्स के एमडीआर ट्रेनिंग की योजना बनाई है। जल्द ही ट्रेनिंग का शेड्यूल और बजट सरकार की ओर से भेज दिया जाएगा। ट्रेनिंग के बाद सिर्फ उन्हीं डॉक्टर्स के पर्चे पर टीबी की दवा मिल सकेगी जो इसमें शामिल हो चुके हैं। शेड्यूल मिलने के बाद डॉक्टर्स की बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ट्रेनिंग कराई जाएगी।

Posted By: Inextlive