Dehradun: आपराधिक घटना को वर्क आउट करने के लिए जांच रिपोर्ट का लंबा इंतजार अब समाप्त होने वाला है. फॉरेंसिक साइंस लैब की दो मोबाइल वैन स्टेट के अलग-अलग स्थान पर मुस्तैद की जा रही हैं. जिनका काम किसी भी घटनास्थल पर जाकर एविडेंस को कलेक्ट करना और मौके पर ही उसकी रिपोर्ट भी तैयार करना होगा. इसके साथ ही स्टेट के जनपद ऊधमसिंहनगर के रुद्रपुर में स्थापित रीजनल फॉरेंसिक लैब को भी अत्याधुनिक इक्यूपमेंट्स से लैस किया जा रहा है. जिसके चलते राजधानी दून के एफएसएल पर किए जाने वाले तमाम फॉरेंसिक जांच का दबाव भी कम होगा.


UP से निकले आगे पड़ोसी राज्य उत्तर-प्रदेश में फॉरेंसिक लैब की महज दो यूनिट है। एक लखनऊ और दूसरी आगरा में। वहां जांच रिपोर्ट लंबे समय तक लंबित भी रहती है। उत्तराखंड एफएसएल के डायरेक्टर पुष्कर सिंह सैलाल बताते हैं कि लैब की दो मोबाइल यूनिट आने के साथ ही हम यूपी की तुलना में काफी बेहतर हो जाएंगे। दून स्थित लैब के चलते हमारी निर्भरता अन्य राज्यों पर पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। ऐसे में रुद्रपुर के रीजनल लैब को और प्रभावी बनने से काम आसान होगा। राजधानी स्थित फॉरेंसिक लैब में विसरा की जांच भी शुरू हो चुकी है। इसके अलावा फिजिक्स, केमेस्ट्री की भी कई जांचे जारी हैं।गढ़वाल व कुमाऊं में दौड़ेंगी मोबाइल लैब
फॉरेंसिक लैब को और सशक्त बनाने के लिए आठ करोड़ का बजट भी मिल चुका है। जिसके माध्यम से नए भवनों के निर्माण के साथ ही लेटेस्ट इक्यूपमेंट की खरीद-फरोख्त की जा रही है। गढ़वाल रीजन के श्रीनगर में मोबाइल लैब की एक यूनिट हर वक्त सर्विस के लिए मुस्तैद रहेगी। जबकि कुमाऊं के अल्मोड़ा में दूसरी वैन को तैनात किया जाएगा। अपराध की हर घटना में इनका पूरा यूज भी किया जाना है। फील्ड यूनिट के कर्मी चौबीस घंटे ड्यूटी पर मौजूद रहेंगे। पुलिस कंट्रोल रुम से सूचना फ्लैश होते ही इन्हें अपने डेस्टिेनेशन पर पहुंचना होगा।साइंस सब्जेक्ट के कर्मी होंगे तैनात राजधानी के फॉरेंसिक लैब के साथ ही रुद्रपुर के रीजनल सेंटर पर कई काबिल साइंटिस्ट अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मोबाइल वैन में उन पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा। जिन्होंने एमएससी या बीएससी किया है। इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया भी आरंभ कर दी गई है। डायरेक्टर एफएसएल के अनुसार काम काफी तेजी से चल रहा है। ऐसे पुलिस कर्मी चिन्हित किए जा चुके हैैं जिन्हें फील्ड यूनिट में ड्यूटी करनी है। प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी के साथ ही वाहन चोरी के मामलों की संख्या सबसे अधिक है। जिनकी जांच में समय लग जाता है। माना जा रहा है कि मोबाइल वैन के  फील्ड में उतरने के साथ ही ये प्रॉब्लम काफी हद तक दूर कर ली जाएगी। 'राज्य के अल्मोड़ा और श्रीनगर में फील्ड यूनिट स्थापित की जा रही है। इसके साथ ही फॉरेंसिक लैब को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए नए इक्यूपेंट्स भी खरीदे जा रहे हैं। इसका फायदा आने वाले समय में जरूर मिलेगा.'-पुष्कर सिंह सैलाल, डायरेक्टर, एफएसएल

Posted By: Inextlive