बिजली की किल्लत से निपटने में भारतीय कंपनियां बांग्लादेश की पूरी मदद करेंगी। ऊर्जा क्षेत्र की दो प्रमुख भारतीय कंपनियों-रिलायंस पावर व अडानी पावर ने पड़ोसी मुल्क में कई पावर प्लांट लगाने का फैसला किया है। इनसे 4600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। दोनों कंपनियों ने शनिवार को बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड बीपीडीबी के साथ अलग-अलग एमओयू पर हस्ताक्षर किए।


1.5 अरब डॉलर का खर्चप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बांग्लादेश में दो दिवसीय दौरा भी इसी दिन से शुरू हुआ। अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस पावर की ओर से बताया गया कि कंपनी ने पावर प्लांटों की चार यूनिट लगाने के लिए करार किया है। इनसे 3000 मेगावाट बिजली बनेगी। इन पर तीन अरब डॉलर का खर्च आएगा। इसी प्रकार अडानी पावर दो कोल-फायर्ड प्लांट लगाएगी। इनकी कुल क्षमता 1600 मेगावाट की होगी। इन पर 1.5 अरब डॉलर का खर्च आएगा।कंपनियों के अधिकारियों ने बताया कि अंतिम करार होने पर प्लांटों का निर्माण 13 महीने में हो जाएगा। बीपीडीबी के डायरेक्टर मुहम्मद सैफुल इस्लाम ने बताया कि प्लांटों के संबंध में चर्चा हो रही है।23 फीसद की बढ़ोतरी होगी
बांग्लादेश सात हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन करता है, लेकिन मांग इससे कहीं अधिक है। आपूर्ति के मुकाबले रोजाना 1500 मेगावाट की कमी रहती है।गुरुवार को पेश बांग्लादेश के 29.5 खरब टका (38 अरब डॉलर) के बजट में बिजली किल्लत से निपटने के लिए प्रमुख सेक्टरों में खर्च बढ़ाने का फैसला किया गया है। इसका असर न केवल आर्थिक विकास पर पड़ रहा है, बल्कि निवेश भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। चालू वित्त वर्ष से पावर और ट्रांसपोर्ट जैसे सेक्टरों पर खर्च को 40 फीसद बढ़ाया जाएगा। जबकि कुल खर्च में 23 फीसद की बढ़ोतरी होगी। शुक्रवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने बताया था कि बांग्लादेश की 2017 तक भारत से बिजली आयात को बढ़ाकर दोगुना करने की योजना है।

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Posted By: Shweta Mishra