-प्रबंधन ने 10 से 25 एकड़ तक की भूमि को सीधे किसाने से खरीदने का किया फैसला

- भूमि अधिग्रहण की मुश्किलों से बचने का निकाला रास्ता

भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजे को लेकर अक्सर मचने वाले बवाल से मुक्ति पाने का यूपीएसआईडीसी प्रबंधन ने नया रास्ता खोज लिया है। प्रबंधन ने अब दस से ख्भ् एकड़ तक की भूमि सीधे किसानों से खरीदने का फैसला किया है। इसके लिए किसानों से भूमि बिक्री के प्रस्ताव भी मांगे गये हैं। प्रबंधन इस भूमि की रजिस्ट्री कराकर उसे औद्योगिक एवं व्यावसायिक योग्य बना कारोबारियों को आवंटित कर देगा। जिसको वो उद्योगों के लिए यूज कर सकेंगे।

देना पड़ा बढ़ा मुआवजा

गंगा बैराज के पास क्क्भ्क् एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने के बाद यूपीएसआईडीसी को बढ़ा हुआ मुआवजा देना पड़ा। इससे निगम को करीब डेढ़ अरब रुपये का नुकसान हुआ। इसके साथ ही छह फीसदी विकसित भूमि भी किसानों को दी जाएगी। यही हालात मंधना में ली गई 9ख्0 एकड़ भूमि का हुआ। एक बार मुआवजा बंटने के बाद विकास कार्य शुरू हुआ तो किसानों ने फिर वहां कब्जा कर लिया और बढ़ा मुआवजा मांगने लगे।

रफ्तार पड़ी धीमी

आजमगढ़, उन्नाव, कानपुर देहात समेत कई जिलों में मुआवजे की रार के कारण ही यूपीएसआईडीसी प्रबंधन भूमि का अधिग्रहण नहीं कर पाया। जिसकी वजह से औद्योगिक विकास भी रफ्तार भी धीमी पड़ गई। ऐसे में एक अरब रुपये से अधिक धनराशि भी संबंधित जिलों के भू-अध्याप्ति विभाग के पास फंस गई। अब नये अधिग्रहण कानून के तहत किसानों को चार गुना तक मुआवजा देना है। ऐसे में यूपीएसआईडीसी ने क्0 से ख्भ् एकड़ भूमि की खरीदारी कर उसे आवंटित करने का फैसला किया है। बिड़ला, टाटा, रिलायंस समेत तमाम बड़े औद्योगिक घराने यहां उद्योग लगाने को तत्पर हैं। ऐसे में तय किया गया है कि नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और जिला मुख्यालयों से करीब क्0 एकड़ क्षेत्रफल तक भूमि खरीदी जाएगी। जबकि ग्रामीण इलाकों में भी ख्भ् एकड़ तक भूमि खरीदी जाएगी। प्रबंधन भूमि मालिक को सर्किल रेट के अनुसार ही भूमि की कीमत देगा। प्रबंधन ने किसानों से एक दिसंबर तक भूमि की बिक्री का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है।

'बड़े औद्योगिक घराने निवेश को तैयार हैं लेकिन भूमि अधिग्रहण बेहद पेचीदा होने के कारण औद्योगिक विकास की रफ्तार धीमी पड़ गई है। ऐसे में निगम ने क्0 से ख्भ् एकड़ तक भूमि की किसानों से सीधे रजिस्ट्री कराने का फैसला किया है। '

मनोज सिंह, प्रबंध निदेशक, यूपीएसआईडीसी

Posted By: Inextlive