PATNA: माही, मैडी, हनी, रॉकी, जेबी, टोनी, फैंसी, जूली और हंटर ऐसे खोजी कुत्ते हैं जो सूंघकर शराबियों का पता लगाएंगे। इनके अलावा लिजा, लाली, ऑक्टो, रोजी, बॉबी, मेसी, यामी, लिओ, लक्की और बिट्टू नाम के कुत्ते को भी इस काम में लगाया जाएगा।

तेलंगाना के मोएनाबाद में शराब खोजने की आठ महीने की ट्रेनिंग पूरी कर सभी कुत्ते 20 तारीख को पटना पहुंचेंगे। शुक्रवार को मोएनाबाद में हुए पासिंग आउट परेड में सभी कुत्ते और इसके ट्रेनर सफल साबित हुए। इसके बाद कुत्तों को सीआइडी पुलिस अधीक्षक तौहिद परवेज व डीएसपी देवनारायण महतो की उपस्थिति में इन्हें सीआइडी के हवाले कर दिया गया। पटना से परेड में भाग लेने के लिए दोनों अधिकारी मोएनाबाद गए थे। इन कुत्तों को ट्रक से पटना लाया जा रहा है। यहां पहुंचने के बाद इसमें से आठ को शास्त्रीनगर थाने के पीछे बने केनल में रखा जाएगा। बाकी को छपरा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर, गया, रोहतास सहित बिहार के बॉर्डर इलाके में तैनात किया जाएगा। ये कुत्ते जमीन हो या गाड़ी कहीं भी किसी भी जगह छुपाकर रखी गई महुआ, देसी और अंग्रेजी शराब को खोज निकालने में ट्रेंड हैं। इसकी जांच के लिए पटना से 20 लीटर देसी और महुआ शराब वहां भेजी गई थी। इनके साथ 20 हैंडलर और 10 सहायकों को वहां ट्रेनिंग दी गई है। इन कुत्तों की खरीदारी से लेकर ट्रेनिंग पर 35 लाख रुपये खर्च आया है। ज्ञात हो कि शराब तस्कर शराब को जमीन के अंदर दबाकर रख रहे हैं, जिसे पुलिस नहीं ढूंढ़ पा रही है। जिसे ये कुत्ते सूंघकर शराब खोज लेंगे।

सभी कुत्ते शराब को सूंघकर खोज निकालने में माहिर हैं। आठ महीने की ट्रेनिंग में पास हो चुके हैं। इन कुत्तों को बिहार के बॉर्डर इलाके में तैनात किया जाएगा।

-देवनारायण महतो, डीएसपी, सीआइडी

Posted By: Inextlive