-सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं को मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी श्चड्डह्लठ्ठड्ड@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

क्कन्ञ्जहृन्: राज्य के विभिन्न विभागों में संविदा पर नियोजित साढ़े चार लाख कर्मचारियों की अब एक सेवा शर्त होगी। अभी विभाग द्वारा तय सेवा शर्त पर इनका नियोजन और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। संविदा पर नियोजित कर्मियों को स्थायी सेवकों की भांति कई सुविधाएं भी दी जाएंगी। राज्य कर्मियों की तरह भविष्य निधि योजना का और राज्य कर्मचारी बीमा योजना से इन्हें जोड़ा जाएगा। इनके कार्याें का वार्षिक मूल्यांकन भी होगा। सरकारी सेवकों की तरह संविदा कर्मियों को भी मातृत्व अवकाश की सुविधा दी जाएगी। गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न विभागों में संविदा पर नियोजित कर्मियों की सेवा के संबंध में गठित उच्च स्तरीय समिति की अनुशंसाओं को मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने चिकित्सा पदाधिकारी, सहायक अभियंता और पशु चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर नियुक्तिकी प्रक्रिया में बड़े बदलाव कर दिए हैं। नियुक्ति में अब साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा। प्राप्तांक के आधार पर मेधा सूची बनेगी।

उम्र में भी मिलेगी छूट

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि पूर्व मुख्यसचिव अशोक चौधरी की अध्यक्षता में संविदा कर्मियों की सेवा शर्त के लिए गठित की गई थी। कमेटी ने अपनी अनुशंसा में कहा है कि कुछ परियोजनाओं और योजनाएं सीमित अवधि की होती हैं। इन परियोजना के लिए नियोजित कर्मियों को परियोजना समाप्त होने के बाद हटाया नहीं जा सकेगा, बल्कि इनका समायोजन दूसरे विभाग में कर दिया जाएगा। दूसरे मामले में यदि विभाग स्थायी है और किसी स्थायी पद के विरुद्ध संविदा पर नियोजन करता है तो संबंधित विभाग में स्थायी नियुक्ति होने पर संविदा कर्मियों को उम्र में छूट दी जाएगी। संविदा कर्मियों को अनुशंसाओं का लाभ देने के लिए प्रत्येक विभाग में एक नोडल अफसर तैनात किए जाएंगे। नोडल अफसर समिति की अनुशंसाओं के कार्यान्वयन संबंधी संचिकाओं को प्रधान सचिव, सचिव को सीधे मुहैया कराएंगे। नोडल अफसरों का दायित्व होगा कि एक तय सीमा के अंदर संविदा कर्मियों को समिति की अनुशंसाओं का लाभ दिलाएं। संजय कुमार ने बताया कि बेल्ट्रॉन से आउटसोर्स किए गए संविदा कर्मियों के बारे में अलग से फैसला होगा। इन कर्मियों की सेवा शर्त और अन्य सुविधाओं का फैसला उच्चस्तरीय समिति करेगी।

नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन को मंजूरी

प्रधान सचिव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के तहत चिकित्सा पदाधिकारी, कार्य विभागों के सहायक अभियंता और पशु चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया को सहजता से पूरा करने के उद्देश्य से नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इन पदों पर नियुक्ति में इंटरव्यू नहीं लिया जाएगा। संबंधित प्रतियोगिता परीक्षा में प्राप्तांक के आधार पर मेधा सूची बनेगी। राज्य के इंजीनिय¨रग कॉलेज, वेटनरी कॉलेज या चिकित्सा महाविद्यालय से पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नौकरी में 50 फीसद का क्षैतिज आरक्षण भी दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive