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क्कन्ञ्जहृन्: सूबे के यूनिवर्सिटीज के लिए स्वीकृत अधीक्षक और वार्डेन की नियुक्ति और सेवा शर्त की नियमावली बदलेगी। सरकार ने करीब 50 साल पहले बने नियमों को बदलने की कवायद शुरू कर दी है। इसे लेकर राजभवन ने आदेश जारी किए हैं। जानकारी के मुताबिक राज्यपाल सह कुलाधिपति सत्यपाल मलिक ने समीक्षा के बाद राज्य के अधिकतर यूनिवर्सिटीज, उनके कार्यालय, संबद्ध कार्यालयों, स्नातकोत्तर विभागों, संस्थानों और छात्रावास अधीक्षकों के साथ ही वार्डेन की सेवा शर्त, नियुक्तिनियमावली, कालावधि और ट्रांसफर से जुड़े पुराने नियमों में बदलाव कर नए नियम बनाने के निर्देश दिए हैं।

15 दिन के अंदर करें रिपोर्ट

इसका दायित्व तीन सदस्यीय कमेटी को सौंपा गया है। गठन कमेटी में तिलकामांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी के वीसी के साथ ही बीएन मंडल यूनिवर्सिटी मधेपुरा के वीसी और ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी के वीसी शामिल किए गए हैं। कमेटी को निर्देश दिए हैं कि तमाम पहलुओं पर मंथन करते हुए आवश्यक संशोधन से संबंधित सुझाव राजभवन को पन्द्रह दिन में उपलब्ध करवाएं।

यूनिवर्सिटी शिक्षकों के वेतन मद में 593 करोड़ जारी

वहीं दूसरी ओर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों को दो महीने का वेतन तथा सेवानिवृत्त शिक्षक, कर्मियों को पेंशन देने के लिए 593 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को चार महीने अप्रैल से जुलाई तक का वेतन देने के लिए राशि दी गई है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

Posted By: Inextlive